दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह अगले दो दिन में स्थानीय निकायों को 500 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी इससे पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण उपजे संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी वेतन के नियमित भुगतान और कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर हड़ताल पर हैं।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केन्द्र और दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से पूछा कि क्या वह भी मौजूदा संकट से निपटने के लिए समान राशि जारी कर सकते हैं।
भाजपा चाहती है पुलिस, एमसीडी सिर्फ गाय की देखभाल करे : केजरीवाल
पीठ ने यह स्पष्ट किया कि राशि जारी करने की दिल्ली सरकार की पेशकश और यदि केन्द्र सरकार या दिल्ली के उपराज्यपाल समान पेशकश करते हैं तो अधिकारों के किसी पूर्वाग्रह के बगैर और यह दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के प्रति मतभेदों से परे होगा।
पीठ ने कहा, यह सभी को पता है कि पूर्वी दिल्ली में सफाई कर्मचारी काम से दूर हैं। इस कारण कचरे का पहाड़ जमा हो गया है। हां, इसको लेकर मतभेद है कि मसले से कैसे निपटा जाए। उपराज्यपाल का अपना विचार है जबकि दिल्ली सरकार का इस संबंध में अपना रूख है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राहुल मेहरा से कहा कि वह इस संबंध में निर्देश प्राप्त करें कि क्या वे लोग मसले को हल करने के लिए राशि जारी कर सकते हैं।
निर्देश लेने के बाद मेहरा ने पीठ को बताया कि सरकार 500 करोड़ रुपये जारी करेगी। दक्षिण और उत्तर दिल्ली नगर निगम की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं ने पीठ से कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से जारी धन में से उन्हें भी मिलनी चाहिए।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि धन किस अनुपात में और किसे दिया जाना है इसका फैसला दिल्ली सरकार करेगी। यह स्पष्ट है कि यह पेशकश अधिकारों के संबंध में बिना किसी पूर्वाग्रह और दिल्ली सरकार के मतभेद से परे की गई है।