नई दिल्ली : ‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा’ अक्सर स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के दौरान इस देश भक्ति गीत के जरिए बच्चों में देश प्रेम की भावना जगाई जाती है, लेकिन अगर यही पंक्तियां बच्चों में देश के प्रति प्रेम नहीं, बल्कि घृणा पैदा कर दें तो मुसीबत खड़ी होना स्वाभाविक है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
दरअसल बीते दिनों दिल्ली सरकार और निगम के स्कूल में पाकिस्तान से भारत आए 9 हिंदू शरणार्थी बच्चों को दाखिले से इंकार कर दिया है। अखिल भारतीय अभिभावक संघ(एआईपीए) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखित पत्र सौंपकर इसकी शिकायत की है। पत्र में एआईपीए ने कहा कि संजय कॉलोनी, भाटी माइन्स स्थित सर्वोदय सह शिक्षा विद्यालय में 4 और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्कूल की ओर से 5 हिंदू शरणार्थी बच्चों को भारत के निवासी होने का कोई प्रमाण पत्र न होने की वजह बताकर दाखिले से इंकार कर दिया गया है।
इस बारे में सर्वोदय सह शिक्षा विद्यालय के स्कूल प्रमुख अनिल कुमार ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अभिभावक उनके पास आए, वह उनकी समस्या का समाधान करेंगे। जबकि अभिभावकों का कहना है कि उन्हें दाखिले से साफ इंकार कर दिया है। एआईपीए के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी भी बच्चे को दाखिले के लिए इंकार नहीं किया जा सकता। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि वह लगभग 1 साल पहले भारत आए थे।
– दिनेश बेदी