नई दिल्ली : दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शुरू हुआ महाभारत बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। बयानबाजी और आरोपबाजी अब भी जारी है, लेकिन फर्क केवल इतना है कि अब सरकारी स्कूलों पर नहीं, बल्कि गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के मुद्दे पर विवाद हो रहा है। मामला दिल्ली के 500 गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद करने का है, जिसका ठीकरा दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के सिर पर फोड़ रही हैं।
जहां एक ओर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को इन स्कूलों के प्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें स्कूल बंद न होने और दिल्ली नगर निगम को भी किसी स्कूल को बंद न करने दिए जाने का आश्वासन दिया और कहा कि दिल्ली सरकार स्कूल बंद करने में नहीं, बल्कि स्कूल खोलने में यकीन रखती है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू व सांसद विजय गोयल ने भी शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में स्कूलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा भाजपा सभी निजी स्कूलों के साथ है।
अगर एक भी स्कूल को बंद किया गया तो हम सड़कों पर उतरेंगे और एक भी स्कूल बंद नहीं होने देंगे। सिसोदिया ने स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि ‘मैं इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों को कहना चाहता हूं कि आप बेफ्रिक होकर अपने बच्चों को पढ़ाएं। ये तमाम स्कूल भाजपा शासित नगर निगम के दायरे में आते हैं। सरकार नगर निगम को भी किसी स्कूल को बंद नहीं करने देगी’।
वहीं पार्टी कार्यालय में जाजू ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लोग सिर्फ पैसा कमाने नहीं आते, उसके लिए कई मार्ग हैं, शिक्षा के क्षेत्र में लोग अपनी जेब से पैसे खर्च कर इसे आगे बढ़ा रहे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इन्हें बंद करना चाह रहे हैं। वहीं विजय गोयल ने कहा कि भाजपा कार्यालय में इस बड़ी सभा के आयोजन से भयभीत होकर केजरीवाल घबरा गए और मनीष सिसोदिया को मजबूरन यह आदेश देना पड़ा कि किसी भी गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।