नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिनेश मोहनिया को 2016 के कथित छेड़खानी मामले में बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने 20000 रुपये के जमानती बांड के भरने पर मोहनिया को बरी कर दिया। जमानती बांड यह सुनिश्चित करने के लिए लिया जाता कि यदि बरी किये जाने को चुनौती देते हुए अपील दायर की जाती है तो संबंधित व्यक्ति की पेशी हो सके।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मौजूदा मामले में प्रमुख गवाहों की गवाही में ठोस विरोधाभास और कमियां हैं और किसी भी स्वतंत्र सार्वजनिक गवाह ने शिकायतकर्ता की बातों का समर्थन नहीं किया है, जिससे बड़ा संदेह पैदा होता है। इसलिये यह कहा जाता है कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ बिना किसी संदेह के सफल मामला बनाने में सक्षम नहीं हुआ है। इसलिये सभी आरोपी संदेह का लाभ दिये जाने के हकदार हैं।’’
अदालत ने सह-आरोपी सतीश और सुभाष शुक्ला को भी मामले में बरी कर दिया। मोहनिया पर महिलाओं के एक समूह के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने को लेकर 23 जून, 2016 को मामला दर्ज किया था। ये महिलाएं अपने क्षेत्र में पानी संकट के संबंध में शिकायत लेकर मोहनिया के पास पहुंची थीं।