नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए सभी छात्र संगठनों ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। डूसू चुनाव के मद्देनजर इस बार भी तीनों प्रमुख संगठनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के चुनावी मुद्दे कमोबेश एक जैसा ही है।
इस बार भी दिल्ली मेट्रो पास व किराया कम करने, हॉस्टल, फीस वृद्धि, नए कॉलेज और लाइब्रेरी व यू स्पेशल बस की सुविधा जैसे मुद्दों को उठाया गया है। सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों की जीत का दम भरते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में 12 सितंबर को होने वाले मतदान के बाद भी पता चल पाएगा कि छात्र शक्ति किसे अपना नेेता चुनेगा। शनिवार को प्रेस क्लब में एबीवीपी और आईसा ने अपने घोषणा पत्र में कई मुद्दों को लेकर बातें की हैं।
एबीवीपी 5-पी मॉडल पर करेगा काम…
एबीवीपी ने इस बार डूसू चुनाव जीतने पर डीयू के समग्र विकास के लिए 5-पी मॉडल (परिसर, पाठ्यक्रम, प्रवेश, परीक्षा, परिणाम) पर काम करने की बात कही है। इसके साथ ही डीयू के 2022 में शताब्दी वर्ष पर पूर्व डीयू को सर्वश्रेष्ठ संस्थान का दर्जा मिल सके इसलिए जिम्मेदार छात्र नेतृत्व चुनने का आग्रह डीयू के छात्रों से किया।
इस बारे में एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा कि छात्रसंघ में आने पर हम बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, लाइब्रेरी, वैज्ञानिक शोधों को बढ़ावा देने के लिए अतिआधुनिक प्रयोगशालाएं, नशामुक्त कैंपस, दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाजनक कैंपस आदि पर काम करेंगे।
वहीं दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि 5-पी मॉडल के अन्तर्गत 4 प्रमुख बिंदुओं पाठ्यक्रम, प्रवेश, परीक्षा और परिणाम ठीक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि डीयू में हम पाठ्यक्रम सुधार के सन्दर्भ में 3 आर (रिव्यू, रेशनल डिबेट और रिप्रजेंट) सम्मिलित करने की मांग करेंगे। छात्रों के एकडेमिक काउंसिल में प्रतिनिधित्व, प्लेसमेंट बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास, वन कोर्स वन फीस, एडमिशन प्रक्रिया स्टूडेंट फ्रेंडली बनाने आदि पर काम करेंगे।
‘एबीवीपी ने कैंपस का माहौल किया खराब’
आईसा की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कवलप्रीत कौर ने डूसू चुनाव घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हम डूसू के सदस्य न होने के बाद भी मेट्रो और एसी बसों में बस पास दिलवाने की लड़ाई लड़ी और कुछ सकारात्मक परिणाम भी आए। लेकिन एबीवीपी को नैतिकता के आधार पर डूसू अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
बीते वर्ष जिस प्रकार से फर्जी डिग्री का मामला प्रकाश में आया और उसके बाद लगातार दो महीने तक इसे लटका के रखना निश्चित तौर पर डीयू के छात्रों के लिए धोखा है। इन्हें डीयू के छात्रों से मांफी मांगनी चाहिए। कौर ने डीयू में हॉस्टल और शिक्षा का निजीकरण का मामला उठाया।
कवलप्रीत ने बताया कि हम लगातार फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़े हैं और आगे भी लड़ेंगे। बसों की संख्या बढ़ाने, बाहरी दिल्ली के कॉलेजों के लिए हॉस्टल, आईसीसी का गठन और कार्य, फीस वृद्धि और भयमुक्त कैंपस आदि मुद्दों को लेकर मैदान में हैं।
एनएसयूआई ने समान शैक्षणिक की बात कही…
इस बार एनएसयूआई ने समान शैक्षणिक अवसर सुनिश्चित करना को लेकर मैदान में है। इसके साथ ही छात्र समुदाय के सीटी बजाए जाने के रूप में, इस अभियान के माध्यम से एनएसयूआई कैंपस स्तर पर, कॉलेज स्तर पर और छात्रों के बीच असमानता के प्रत्येक उदाहरण को उजागर करेगा और मांग करी है।
एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा देने के लिए लड़ाई लड़ी लड़ने की बात कही है। साथ ही मेट्रो, लाइब्रेरी आदि मुद्दों को लेकर मैदान में हैं।