दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव से पहले डूसू अध्यक्ष की ओर से विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस के आर्ट्स फैकल्टी के गेट पर सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह और वीर सावरकर की प्रतिमा स्थापित कर दी गई। बताया जा रहा हैं कि यह प्रतिमा बिना किसी मंजूरी के लगाई गई हैं। जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा कि वह लंबे समय से मूर्ति स्थापित करने की मांग कर रहे थे.लेकिन डीयू ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसलिए हमारे पास ऐसा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। डीयू से मिली जानकारी के मुताबिक, डूसू अध्यक्ष किसी दूसरे कार्यक्रम के बहाने मूर्तियों को टैंट में छिपाकर लाए और आर्ट्स फैकल्टी के बाहर देर रात स्थापित करा दिया। उसके बाद मूर्तियों पर माल्यार्पण भी किया गया।
बता दें कि बीते दिनों शक्ति सिंह (डूसू अध्यक्ष) एक कार्यक्रम के दौरान डूसू कार्यालय का नाम बदलने की मांग भी की थी।
एबीवीपी के इस कार्य से वामदल समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आईसा) और नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आलोचना की।
इनका कहना है कि कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के साथ सावरकर को नहीं रखा जा सकता।एनएसयूआई की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा, “आप सावरकर को भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस के साथ नहीं रख सकते। अगर प्रतिमाएं 24 घटें के भीतर नहीं हटाई गईं तो हम विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।”