जेएनयू में शांति के लिए प्रशासन ने गठित की उच्चस्तरीय समिति - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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जेएनयू में शांति के लिए प्रशासन ने गठित की उच्चस्तरीय समिति

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल फीस को लेकर चल रहे प्रशासन व विद्यार्थियों का विवाद को खत्म करने के लिए रविवार को जेएनयू प्रशासन की तरफ से भी पहल की गई है।

नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल फीस को लेकर चल रहे प्रशासन व विद्यार्थियों का विवाद को खत्म करने के लिए रविवार को जेएनयू प्रशासन की तरफ से भी पहल की गई है। दरअसल प्रशासन ने रेक्टर तृतीय प्रोफेसर राना प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है। 
समिति ने रविवार शाम 5:30 बजे तक ई-मेल के माध्यम से हॉस्टल फीस संबंधित गतिरोध को खत्म करने संबंधित विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे थे। वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों ने जेएनयू प्रशासन की ओर से गठित की गई इस समिति पर ही सवाल उठाए हैं। 
ज्ञात हो कि इससे पहले भी जेएनयू में सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के उद्देश्य से केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एमएचआरडी) मंत्रालय की ओर से भी एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति बनाई गई है जो संभवत: सोमवार को अपने सुझाव मंत्रालय को सौंपेगी।
एबीवीपी का अनिश्चितकालीन धरना जारी… 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जेएनयू के कार्यकर्ता हॉस्टल मैनुअल और फीस बढ़ोतरी के विरोध में अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, जो तीसरे दिन भी जारी रहा। ज्ञात हो कि एबीवीपी पिछले 25 दिन से फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन कर रही है। 
इससे पहले यूजीसी ओर एमएचआरडी पर सैकड़ों विद्यार्थियों के साथ प्रदर्शन कर चुका है। इस बारे में इकाई अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि एमएचआरडी के द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी को खारिज करते हैं। साथ ही प्रशासन से सीधी एक मांग करते हैं कि बढ़ी हुई फीस पूरी तरह से वापस किया जाए। 
जबकि इकाई मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि विद्यार्थी परिषद अपने आंदोलन को वामपंथियों के तरीकों से न करकर, किसी भी प्रकार की अराजकता से मुक्त रखते हुए लोकतांत्रिक तरीके से जारी रखेगी एवं अपने संघर्ष से इसको समाधान तक पहुंचाएगी।
कौन-कौन हैं कमेटी में…
इस बारे में जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर प्रमोद कुमार की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक छात्रावास के मुद्दों के समाधान के लिए सक्षम प्राधिकारी ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। विद्यार्थी प्रतिनिधियों को अपने सुझाव रविवार शाम 5:30 बजे तक इस समिति को ई-मेल के माध्यम से भेजने के लिए कहा गया था। 
समिति में अध्यक्ष के अलावा स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन प्रोफेसर अश्विनी महापात्रा, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के डीन प्रोफेसर गिरीश नाथ झा, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर पवन कुमार धर, छात्र कल्याण डीन प्रोफेसर उमेश अशोक कदम, छात्र कल्याण एसोसिएट डीन प्रोफेसर वंदना मिश्रा और प्रोवोस्ट नीरज शामिल हैं।
विद्यार्थियों ने उठाए सवाल…
जेएनयू प्रशासन की तरफ से गठित इस कमेटी का जेएनयू विद्यार्थियों ने सवाल उठाए हैं। इस बारे में जेएनयूएसयू का कहना है कि जेएनयू कुलपति ने इस कमेटी में सिर्फ अपने समर्थकों को जगह दी है। यही नहीं सुझाव के लिए सिर्फ रविवार शाम 5:30 बजे तक का ही समय दिया गया है। जो सही नहीं है। 
वहीं इनका कहना है कि जब एमएचआरडी की समिति छात्र संघ बात कर सकती है तो विश्वविद्यालय की समिति को बात करने में क्या दिक्कत है। 
छात्र संघ की ओर से कहा गया है कि हमारी मांग है कि छात्रावास शुल्क बढ़ोतरी पूरी तरह से वापस ली जाए। छात्रावास नियमावली को रद्द किया जाए और नई नियमावली बनाने में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

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