अंतर्राष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार इन दिनों दिल्ली के तिहाड़ जेल में कैदी की तरह की समय व्यतीत कर रहा है। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि सुशील कुमार ने जेल के आला अधिकारियों को एक पत्र लिखा है और एक विशेष मांग की है। सुशील ने अपने पत्र में कहा कि अगर टीवी मिलेगा तो उसे कुश्ती के सारे अपडेट मिलते रहेंगे।
बता दें कि सुशील कुमार पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्य आरोपी है, जो 9 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं। मालूम हो कि इससे पहले मंडोली जेल में रहते हुए सुशील ने विशेष आहार तथा सप्लीमेंट्स उपलब्ध करवाने की मांग की थी। याचिका में सुशील ने कहा था कि वह आइसोलेट व्हे प्रोटीन, ओमेगा-थ्री कैप्सूल, जॉइंटमेंट कैप्सूल, प्री-वर्कआउट सी4, मल्टीविटामिन आदि सप्लीमेंट लेते हैं।
इन आवश्यक वस्तुओं को देने से इनकार करने से उनके करियर पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि विशेष पोषण आहार तथा सप्लीमेंट उनकी सेहत तथा प्रदर्शन को बनाए रखने के लिहाज से अत्यंत आवश्यक हैं। हालांकि, जेल अधिकारियों ने अदालत में दिए जवाब में कहा था कि सुशील कुमार की मेडिकल कंडीशन में फूड सप्लीमेंट या अतिरिक्त आहार के रूप में अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात दिल्ली के मॉडल टाउन थाना क्षेत्र से पहलवान सुशील और उसके साथियों ने कथित तौर पर एक फ्लैट से 23 वर्षीय पहलवान सागर राणा और उसके दोस्तों का अपहरण कर लिया था और फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। इसमें सागर बुरी तरह घायल हो गया था और इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई थी।
सुशील पर हत्या, गैर-इरादतन हत्या और अपहरण का आरोप है। पुलिस के अनुसार, सुशील इस कथित हत्या के मुख्य अपराधी और मास्टरमाइंड हैं। पुलिस का कहना है कि उसके पास इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं जिसमें उन्हें और उनके साथियों को सागर को लाठी से पीटते देखा जा सकता है। सुशील को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था और दो जून को नौ दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद से संबंधित मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि, सुशील देश के लिए लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 के लंदन ओलंपिक में सिलवर मेडल जीता था। वह 2010 में विश्व चैंपियन भी रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेल 2010, 2014 और 2018 में उन्होंने लगातार तीन गोल्ड मेडल जीते हैं।