असम गण परिषद (अगप) के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यहां मुलाकात की और संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को पारित होने से रोकने के लिये जदयू का समर्थन मांगा।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अगप अध्यक्ष एवं असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा और असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने किया। असम सरकार में पार्टी भाजपा की सहयोगी है।
प्रतिनिधिमंडल ने नीतीश कुमार को एक ज्ञापन सौंपा। नीतीश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक को पारित होने से रोकने के लिये उनसे संसद के अंदर और बाहर उनकी पार्टी का समर्थन और सहयोग मांगा। विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने की संभावना है।
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बोरा ने ज्ञापन में कहा, ‘‘यह पता चला है कि विधेयक के पारित होने के विरोध में आपके नेतृत्व में जनता दल (यूनाइटेड) आपत्ति उठा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप जरूरत के अनुसार कदम उठायें ताकि विधेयक संसद से पारित नहीं हो सके। हमलोग संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह आपके सहयोग की मांग करते हैं।’’
अगप नेता केशब महंत, फणीभूषण चौधरी, बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य, बृंदावन गोस्वामी, रामेन्द्र नारायण कलीता और कमला कांत कलीता इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास स्थान 1 अणे मार्ग पर हुई इस बैठक में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी और पार्टी विधान पार्षद संजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे।