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कृषि कानून : दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 41वें दिन जारी, SC की सुनवाई पर होगी नजर

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन मंगलवार को 41वें दिन जारी है। रकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही।

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन मंगलवार को 41वें दिन जारी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कानूनों में संशोधन की बात उन्हें समझाते रहे। सरकार की तरफ से किसानों की दूसरी मांग पर भी बात करने का आग्रह किया गया, मगर किसान यूनियन के नेता नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। 
पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने बताया की सरकार जानबूझकर बातचीत को लंबा खींच रही है। उन्होंने कहा किसान प्रतिनिधियों की मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी जिसमें आंदोलन तेज करने को लेकर आगे की रूपरेखा पर विचार-विमर्श होगा। 
किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार को फिर सुनवाई है जिस पर सबकी निगाहें रहेंगी। लाखोवाल ने बताया कि किसानों की तरफ से वकील कोर्ट में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार की वार्ता में सरकार का रवैया बातचीत को और लंबा खींचने का था। उन्होंने कहा कि बैठक का समय 2.00 बजे से था, लेकिन बैठक 2.40 बजे शुरू हुई। बातचीत तीनों कृषि कानूनों को लेकर चल रही थी। सरकार की तरफ से कानून की खामियों को निकालने और संशोधन करने की बात की जा रही थी, जबकि किसान प्रतिनिधियों ने कानून को रद्द करने की मांग की। इस बात पर तल्खी होने पर लंच ब्रेक हो गया। 
लाखोवाल ने कहा कि लंच ब्रेक के बाद दोबारा जब बैठक शुरू हुई तो एमएससी के मसले पर बातचीत करने की बात करने को कहा गया, मगर हमने कहा कि पहले तीनों कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पर बात करें। फिर कॉन्ट्रैक्ट फामिर्ंग पर बात होने लगी और मंत्री उसके फायदे गिनाने लगे। लेकिन हमने तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की, जिस पर मंत्रियों ने कहा कि उन्हें इस पर और लोगों से विचार विमर्श करना होगा। 
इसलिए कुछ समय चाहिए। हम लोगों ने कहा कि ठीक है, आप समय ले लीजिए, लेकिन लेकिन तीनों कानूनों को वापस लेने पर अगली बैठक में बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन तय कार्यक्रमों के अनुसार जारी रहेगा, लेकिन मंगलवार को 11.00 बजे पंजाब के किसान समूह संगठनों के बीच पहले वार्ता होगी। उसके बाद 2.00 बजे संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देशभर के किसान संगठनों की बैठक होगी।  इन बैठकों में लिए जाने वाले फैसले के संबंध में शाम में एक प्रेस वार्ता भी की जाएगी। हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने बताया कि जब तक सरकार उनकी दो प्रमुख मांगे नहीं मान लेती है तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। 

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