नई दिल्ली : चांदनी चौक से आप पार्टी की विधायक अलका लांबा के कांग्रेस में जाने की अटकलों के बीच अब अलका ने एक बार फिर आप पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने सीधे पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए उनके ऊपर विधायकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ गलत भाषा इस्तेमाल करने एवं दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की मीटिंग में अरविंद केजरीवाल विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को टुच्चा कहते हैं।
एक विधायक को तो केजरीवाल ने गधा तक कह दिया, जिसके बाद विधायक ने रोते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी। हालांकि बाद में उन्हें मना लिया गया। लांबा ने कहा कि केजरीवाल को लगता है कि पार्टी उन्हीं की बदौलत खड़ी है। जबकि केजरीवाल खुद में कन्फ्यूज्ड हैं। अलका ने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा में जब राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव आया तो मुझे ठेस लगी। मुझे भी समर्थन करने को कहा गया। ये कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति थी।
जब मैंने पार्टी विधायकों के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रस्ताव की कॉपी शेयर की तो मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं इस्तीफा देने के लिए राजी हो गई। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने मुझे फोन करके ऐसा न करने को कहा। कांग्रेस ज्वाइन करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा मैंने अपनी राय कांग्रेस को बता दी है अब निर्णय कांग्रेस ही लेगी। लांबा ने कहा कि उन्होंने 20 साल कांग्रेस में सेवा की। इसके बाद आप ज्वाइन की। यहां डेढ़ साल तक संघर्ष किया इसके बाद उन्हें आप ने टिकट दिया। उन्होंने कहा कि अब आप का असली चेहरा सामने आ गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए आप के जिस आंदोलन के साथ युवा जुड़े थे,वो आंदोलन अब असर खोता जा रहा है। गठबंधन के मुद्दे पर भी उन्होंने आप को घेरते हुए कहा कि पता नहीं पार्टी क्यों कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए लालायित है। इससे उनकी कमजोरी जग-जाहिर हो रही है। वहीं अलका लांबा की आप छोड़ने की खबरों के बीच आप ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए अलका लांबा को आप से इस्तीफा देना होगा, इसका मतलब होगी की लांबा को अपनी विधायक की सीट गंवानी पड़ेगी। जबकि इसी विधायक की कुर्सी के लिए कुछ लोगों ने आप का दामन था। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि कुछ लोगों ने कांग्रेस में बीस साल से ज्यादा समय तक सेवा की लेकिन उन्हें विधायक की कुर्सी नहीं मिली। सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट में आगे कहा कि इस विधायक की कुर्सी को छोड़ने के लिए साहस की जरूरत होती है।