नई दिल्ली : राजधानी में पानी के सैंपल को लेकर दिल्ली की आप सरकार और केन्द्रीय एजेंसियों के बीच खींचतान जारी है। केन्द्रीय एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की जांच में दिल्ली के 11 वाटर सैंपल फेल हो जाने की रिपोर्ट पर शुक्रवार को दिल्ली जलबोर्ड ने नया खुलासा किया।
जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने एक प्रेसवार्ता कर कहा कि पानी के जिन 11 सैंपल को लेकर राजधानी में गंदी राजनीति हो रही है, उन जगहों से सैंपल लेकर जल बोर्ड ने पानी की जांच कराई। इसमें सभी सैंपल पास हो गए। जांच में समाने आया कि यह पानी पीने के लिए बिल्कुल फिट है। सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए मोहनिया ने कहा कि पहला सैंपल दीपक कुमार रॉय के घर से लिया गया जिन्होंने पहले बताया था उनके घर से सैंपल लिया ही नहीं गया। अब उनके घर के पानी का सैंपल पीने के लिए फिट पाया गया है।
दूसरा सैंपल जनपथ स्थित मंत्री जी के घर का था जहां से हम सैंपल ले नहीं पाए हैं। तीसरा सैंपल कृषि भवन का था और वो भी पीने के लिए फिट पाया गया है। इसके बाद मंडोली एक्सटेंशन से अनिल कुमार और अशोक नगर से अंजू का नाम था जिनके घर का पानी का सैंपल भी पीने के लिए फिट पाया गया। सातवां और आठवां सैंपल बुराड़ी से पूजा शर्मा और मुकुंदपुर से रेखा देवी के घर से लिया गया था और ये सैंपल भी पीने के लिए फिट पाए गए।
इसके अलावा नंदनगरी सीमापुरी के इलियास के घर से लिया गया सैंपल भी पीने के लिए फिट पाया गया। लिस्ट में एक और नाम है भगवान दीन जिनका सैंपल भी पीने के लिए फिट पाया गया है। इस तरह 11 में से नौ सैंपल पीने के लिए फिट पाये गए हैं। एक घर बंद पाया गया और एक घर के पानी में क्लोरीन की मात्रा कम थी।
एक में क्लोरीन तो दूसरा घर मिला बंद
जलबोर्ड उपाध्यक्ष ने बताया कि छठा पानी का सैंपल जनता विहार की गीता देवी के घर से लिया गया था वो क्लोरीन की मात्रा कम होने की वजह से पीने के लिए पूरी तरह से ठीक नहीं है। हालांकि इस पानी को भी पिया जा सकता है क्योंकि हमारे 39 मानकों में से सिर्फ एक मानक में ये सैंपल फेल हुआ है। वहीं बीआईएस की लिस्ट में एक नाम सोनिया विहार के विनोद कुमार का भी था पर जांच में सामने आया कि इस पते पर पिछले तीन महीनों से ताला लगा हुआ है।
टेस्टिंग के पूरे प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया
मोहनिया ने कहा कि टेस्टिंग के पूरे प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है और हमने बाकायदा सैंपल लेने की रिकॉर्डिंग करवायी, सैंपल वहीं के वहीं सील किये गए, लेबोरेटरी भेजे गये। पानी के अलग-अंलग सैंपल्स को तीन लेबोरेटरी में टेस्ट कराया गया। आमतौर पर 29 मानकों पर सैंपल टेस्ट किया जाता है पर हमारी कुछ एडवांस्ड लेबोरेटरी में 2 और मानकों पर पानी टेस्ट करने की सुविधा है और लगभग सभी मानकों पर पानी पीने फिट पाया गया है।
‘पासवान ने पानी का मुद्दा क्यों उठाया’
मोहनिया ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री पासवान ने पानी का ये मुद्दा क्यों उठाया। यह समझने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि आरओ को लेकर एनजीटी में एक केस था, जिसमें ये बोला गया था कि दिल्ली में जहां पर भी पानी का टीडीएस 200 से कम है वहां से आरओ हटाया जाए। पिछले दिनों में पानी पर जितना हंगामा हुआ और बोला गया कि यह पानी पीने योग्य नहीं है।
उस पर शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने भी कहा है की दिल्ली का पानी पीने के लिए फिट है और वहां से आरओ हटाए जाने चाहिए। आरओ कंपनियों के वकीलों ने कोर्ट में इसी रिपोर्ट का हवाला देकर कहा की बीआईएस की रिपोर्ट कहती है की पानी पीने के लिए फिट नहीं है इसलिए आरओ को दिल्ली में लगाने की प्रक्रिया को लगातार चलते रहने देना चाहिए।