नई दिल्ली : विश्वविद्यालय के शिक्षकों, आदिवासियों, 13 प्वाइंट रोस्टर आदि मांगों को लेकर देशभर के शैक्षणिक संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है। इसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के डूटा, जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू), संविधान बचाओ संघर्ष समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, सीपीआई (माले) आदि करीब तीस संगठन संयुक्त रूप से केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च करेंगे।
इसके लिए गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों के शिक्षक दोपहर करीब 12 बजे मंडी हाउस में एकत्रित होकर जंतर-मंतर तक मार्च निकालेंगे। प्रदर्शन में शामिल हो रहे संगठनों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 13 प्वाइंट रोस्टर के माध्यम से मोदी सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए संविधान प्रदत्त आरक्षण समाप्त किये जाने के विरुद्ध एकजुट होने की जरूरत है। इसलिए सभी प्रगतिशील संगठनों ने यह बंद कॉल किया है।
कुछ संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर आदिवासियों को वनक्षेत्र से नकाले जाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध, 10 प्रतिशत असंवैधानिक सवर्ण आरक्षण के विरोध में, निजी क्षेत्र में आरक्षण, उच्च न्यायपालिका में आरक्षण, पिछड़े वर्ग को आबादी के अनुरूप 52 प्रतिशत आरक्षण, 2021 में राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना शामिल किये जाने, व 2013 के सर्वोच्च न्यायालय के ईवीएम के वोट गणना में विवाद की स्थिति में वीवीपैट पेपर ट्रेल को गिने जाने के आदेश का पालन 2019 चुनाव में शामिल किये जाने के मांग को लेकर इकट्ठा हो रहे हैं।