सर्दियों में दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रण में रखना एक चुनौती भरा काम है। ऐसे में सरकार पहले ही इस संबंध में धूल विरोधी अभियान शुरू कर चुकी है। दिल्ली की जनता को धूल प्रदूषण से बचाने के लिए सड़कों पर 586 टीमों को लगाया गया है। जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं। ये टीमें 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण और विध्वंस स्थलों की जांच करेंगी।
उल्लंघन करने पर 10 हजार से 5 लाख रुपये का जुर्माना
दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कंस्ट्रक्शन से जुड़े 14 एंटी डस्ट नियम लागू करना जरूरी हो गया है। NGT की गाइडलाइंस के मुताबिक कंस्ट्रक्शन साइट्स पर इन नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य
नियमों के अनुसार निर्माण स्थल के आसपास धूल को रोकने के लिए सभी स्थलों पर ऊंची टिन की दीवारें खड़ी करना आवश्यक है। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण स्थलों पर ही एंटी स्मॉग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5000 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्र के निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
मलबे को चिन्हित स्थान पर ही डंप करना आवश्यक
5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्थल पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के स्थल पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्थल पर 3 और 20 से ऊपर के निर्माण स्थल पर हजार वर्ग मीटर में कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए। इनके अलावा, निर्माण और विध्वंस कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या जाल से ढकना आवश्यक है। मलबे को चिन्हित स्थान पर ही डंप करना आवश्यक है, सड़क के किनारे इसके भंडारण पर प्रतिबंध है।
ग्रीन वॉर रूम भी शुरू
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की गई है. जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे धरातल पर लागू करने का काम शुरू कर दिया है. इसके लिए ग्रीन वॉर रूम भी शुरू किया गया है, जहां से इसकी निगरानी की जाएगी।