पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास सेना के डॉक्टर का शव दो टुकड़ो में रेलवे ट्रैक पर सोमवार की सुबह पड़ा मिला। पुलिस के अनुसार सेना में डॉक्टर की पहचान कैप्टन दिवाकर पूरी के रूप में हुई है। पुलिस इसे खुदखुशी माना लेकिन परिवार वाले इसे हत्या मान रहे है।
कैप्टन डॉ दिवाकर पूरी 26 वर्ष के थे और वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 में रहते थे। उनके घर में माता-पिता और एक छोटा भाई है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। इनके पिता जीएल पुरी द्वारका में स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मलेरया रिसर्च सेंटर में काम करते है। बता दें कि ढाई साल पहले कैप्टन दिवाकर का चयन आर्मी में हुआ था। राजस्थान के सूरतगढ़ में उनकी पहली तैनाती हुई थी।
सात हफ्ते के प्रशिक्षण के लिए उन्हें करीब दो महीने पहले लखनऊ भेजा गया था, जहां उन्होंने प्रशिक्षण पूरा कर लिया था और रविवार को श्रमजीवी एक्सप्रेस से घर आने के लिए चले थे। खुदखुशी समेत सभी बिंदुओं पर पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन परिवार वालों का कहना है कि उनका बेटा खुदखुशी नहीं कर सकता। रेलवे के डीसीपी दिनेश कुमार गुप्ता का कहना है कि मौत कारण पोस्टपार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा।