नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में 12 जुलाई को स्वर्ण मंदिर और वाघा बॉर्डर और 20 जुलाई को वैष्णो देवी जाने वाले बुजुर्गों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और तीर्थ यात्रा कमेटी के अध्यक्ष कमल बंसल भी मौजूद थे।
इस अवसर पर बुजुर्गों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आपका ये बेटा कोशिश करेगा कि आपकी जिंदगी में आपको एक तीर्थ यात्रा जरूर करवाऊं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल के अभी तक के कार्यकाल में विकास से जुड़े बहुत से कार्य किए लेकिन आज अपने बुज़ुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजने से दिल को सुकून मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि मां वैष्णो देवी यात्रा पर वह खुद और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सपरिवार 20 जुलाई को रवाना होने वाली ट्रेन से यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि हर बुजुर्ग की जिंदगी में एक बार तीर्थ यात्रा की मंशा रहती है। हमें ख़ुशी है कि आपकी ये मंशा पूरी करने का सौभाग्य हमको मिला।
अगले साल से दक्षिण भारत की यात्रा
सीएम ने अपने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि तीर्थ यात्रा में बुज़ुर्ग पर पैसे लुटाने का कार्य मैं लगातार करता रहूंगा। कार्यक्रम में मौजूद बुजुर्गों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों की यात्रा भी अगले साल से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। आगामी यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि हर 20 बुजुर्गों के ग्रुप पर एक सरकार का कर्मचारी भी साथ रहेगा, जिससे किसी बुजुर्ग को कोई दिक्कत ना हो।
सभी धर्मों को बराबर का सम्मान : सिसोदिया
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि आज इस सभागार का नजारा देख कर वो खुश हैं, क्योंकि बुजुर्ग कुर्सी पर हैं और विधायक अपने बुजुर्गों के पैरों के पास जमीन पर बैठे हैं। वहीं जनवरी 2018 में कैबिनेट से तीर्थ यात्रा का प्रस्ताव पास होने के बाद कई बार मुख्यमंत्री ने देरी होने पर आपके बेटे बनकर डांट भी लगाई। पहले इस योजना में स्लीपर क्लास में ले जाने का प्रस्ताव था, बाद में केजरीवाल ने एसी क्लास में बुजुर्गों को ले जाने के आदेश दिए। सभी धर्मों का बराबर का सम्मान है।