नई दिल्ली : आने वाले दिनों में दिल्ली विधानसभा भी राजधानी में बिजली बेचेगी। जल्द ही विधानसभा 200 किलोवाट तक सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी। इस सौर ऊर्जा से जहां पूरा विधानसभा जगमग होगा वहीं जरूरत से ज्यादा उत्पादित होने वाली बिजली को बेच दिया जाएगा। दरअसल मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने 100 किलोवाट की क्षमता वाले सौर ऊर्जा प्लांट का शुभारंभ किया।
साथ ही एक वर्षा जल संचयन प्लांट का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने के लिए सरकारी इमारतों का सर्वे किया जा रहा है। इस योजना पर जल्द ही काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की छत पर 7.35 लाख रुपये की लागत से एक सौ किलोवाट का प्लांट लगाया गया है।
इस प्लांट की मदद से विधानसभा प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की बिजली बिल में बचत करेगी। यह प्लांट 25 साल तक सेवा दे सकेगा। उन्होंने कहा कि 15 साल तक संबंधित कंपनी इसका रख रखाव करेगी। इस योजना पर खर्च हुई राशि केवल पांच वर्ष में ही निकल जाएगी। बता दें कि इस संयंत्र से साल में एक लाख 35 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
‘जल्द बेच सकेंगे बिजली’
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि जल्द ही विधानसभा परिसर में एक सौ किलोवाट का एक और संयंत्र लगाया जाएगा। इन दोनों संयंत्र की मदद से जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा उसे बेचा जा सकेगा। मंगलवार को जिस संयंत्र का उद्घाटन किया गया उसे तीन माह में तैयार कर लिया गया है।
वर्षा जल का होगा संचयन
दिल्ली विधानसभा वर्षा जल के बूंद-बूंद का संचयन करेगी। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मंत्री सत्येंद्र जैन ने वर्षा जल संचयन संयंत्र का भी उद्घाटन किया। इस संयंत्र के माध्यम से पूरा पानी जमीन में चला जाएगा। इस संयंत्र के तहत पांच हौद बनाए गए हैं। 36 लाख रुपये की लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार इस प्लांट की मदद से 4 लाख 40 हजार लीटर पानी को एकत्रित किया जा सकेगा।
दिव्यांगता नियम अधिसूचित
दिल्ली सरकार ने दिव्यांगों को राहत पहुंचाने के लिए मंगलवार को नियमों में संशोधन कर आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 को अधिसूचित कर दिया। इस संशोधन के बाद अधिकतर लोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ऋण सुविधा, नौकरी सहित अन्य योजनाओं में लाभ उठा सकेंगे।
नौकरशाह जवाबदेह
मुख्य सचिव विजय देव ने बताया कि नए साल में अधिकारियों को और जवाबदेही बनाने पर जोर देंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को और चुस्त दुरस्त किए जाने की जरूरत है। प्रत्येक कार्य के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। कोर्ट केस और सीवीसी के केसों को लेकर किए जाने वाले कार्यों को और बेहतर बनाया जाएगा। उनका कहना है कि नौकरशाही बेहतर काम कर रही है। मगर और बेहतर किए जाने की हर जगह संभावना रहती है।