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बाबा साहेब को दायरे में नहीं बांधा जा सकता : सीएम

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में उक्त बातें कहीं।

नई दिल्ली : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को सिर्फ दलितों के नेता बनाकर उनके दायरे को बहुत संकुचित कर दिया गया है। बाबा साहेब इतनी बड़ी हस्ती और इतने महान व्यक्ति थे कि उन्हें सीमित दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर त्यागराज स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में उक्त बातें कहीं। 
उन्होंने कहा कि हम प्रतिवर्ष 6 दिसंबर को बाबा साहेब का महापरिनिर्वाण दिवस मनाते हैं। कई बार यह एक औपचारिकता मात्र बन कर रह जाता है। हम बाबा साहेब को लेकर पाठ्यक्रम लॉन्च कर रहे हैं। इसे आज से दिल्ली के सभी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है। बाद में सभी निजी स्कूलों में भी इसको लागू किया जाएगा। इस दौरान सीएम ने डॉ. भीमराव अंबेडकर पर एक शॉर्ट बायोग्राफी पुस्तिका भी लांच की जिसे इस पाठ्यक्रम के तहत पढ़ाया जाएगा। 
यह पाठ्यक्रम दिल्ली के स्कूलों में 6, 7 और 8 वीं के बच्चों को स्पेशल क्लास लगाकर पढ़ाया जाएगा। इसमें डॉ. अंबेडकर की जीवनी, सोच व काम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। सीएम ने बताया कि बाबा साहेब गांव के एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उन्होंने वहां छुआछूत और गरीबी झेली। ऐसे समय में बाबा साहेब ने इतने गरीब परिवार से निकलकर डबल डॉक्टरेट की डिग्री ली। कोलंबिया यूनिवर्सिटी व लंदन यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी की डिग्री ली। 
आज के समय में भी कोलंबिया व लंदन यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक से डॉक्टरेट लेना व पीएचडी करना हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका रिजर्व ऑफ इंडिया की स्थापना में बड़ा योगदान था। हमारे देश मे महिलाओं को जो बराबरी का अधिकार मिला है, उसमें बाबा साहेब का बड़ा योगदान रहा है। वहीं डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए विशेषज्ञों से बात की गई। जीवनी पढ़कर बायोग्राफी तैयार की गई। तीन लोगों की टीम ने पुस्तिका तैयार करने में बहुत सहयोग किया।
बुकलेट में फीडबैक के आधार पर होगा बदलाव  
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बुकलेट को हम फर्स्ट ड्राफ्ट के रूप में माने। अभी इसको पढ़ाना शुरू करते हैं और फिर जैसे-जैसे बच्चों, अभिभावकों, आम लोगों और शिक्षकों का फीडबैक आएगा। उसके हिसाब से इस किताब को रिफाइन करते जाएंगे। मुझे लगता है कि दो सालों के अंदर हम बाबा साहेब के बारे में एक ऐसा कोर्स तैयार कर पाएंगे, जिसको पूरी दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश के अंदर पढ़ाया जा सकेगा।
बाबा साहेब लाए थे हिन्दू कोड बिल
कार्यक्रम में मौजूद समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि हिन्दू कोड बिल को लाने वाले और मजदूरों को उनका हक दिलाने वाले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ही थे। दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को डॉ. अंबेडकर की बुकलेट के जरिए उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा बताने की कोशिश डॉ. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है।

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