पूर्वी दिल्ली : ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के एएटीएस (एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड) विभाग ने बड़े लेवल पर चल रही धांधली का पर्दाफाश किया है। दरअसल पुलिस ने दो ऐसे भाइयों को गिरफ्तार किया है, जो डिफेंस और ईएसआई अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाने वाली नॉट फॉर सेल की कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की महंगी दवाइयों को बेहद कम दामों में आम लोगों को बेच देते थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान ध्रुवनाथ झा और ओमनाथ झा के तौर पर हुई है। दोनों बेहद शातिर हैं।
आरोपियों ने खुद को इंडियामार्ट जैसी ऑन लाइन सामान बेचने वाली कंपनी से रजिस्टर्ड कराया हुआ था। इनके पास से 30 लाख रुपये की दवाइयां बरामद की हैं। पकड़े गए आरोपी अपने जानकारों से ग्वालियर, मुंबई, चंडीगढ़, लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा आदि जगहों से दवाइयां खरीदकर दिल्ली-एनसीआर में उसका धंधा करते थे।
डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह के मुताबिक, शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट के एएटीएस विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लोग सरकारी अस्पताल (डिफेंस और ईएसआई) में दी जाने वाली कैंसर की महंगी दवाइयों को खुले बाजार में बेचने का धंधा कर रहे हैं। सूचना के बाद एक टीम का गठन कर मामले की छानबीन शुरू की गई।
पुलिस ने प्रीत विहार स्थित पेट्रोल पंप के पास जांच शुरू कर दी। इस बीच 11.50 बजे एक आरोपी पीले रंग की स्कूटी पर बैग रखकर वहां पहुंचा। पुलिस ने आरोपी की तलाशी ली तो बैग से पांच पैकेट दवाइयों के मिले, जिस पर नॉट फॉर सेल लिखा था।
जल्द रुपए कमाने के लिए शुरू की धांधली
जांच में पुलिस को पता चला है कि ओमनाथ झा पेशे से फॉर्मासिस्ट हैं। वह खुद दवाइयों का धंधा करता था। मगर जल्द पैसा कमाने के लालच में उसने ये धांधली शुरू की थी। उसने इस कांड में अपने भाई ध्रुवनाथ झा को भी मिला लिया था।
केमिकल से मिटा देते थे नॉट फॉर सेल की मोहर
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि वह विशेष तरह के केमिकल का इस्तेमाल कर के दवाई पर लगी नॉट फॉर सेल की मोहर को हटा देते थे। आरोपियों ने खुद को ऑन लाइन सामान बेचने वाली कंपनी से रजिस्टर करवाया हुआ था।