बेंगलुरु स्थित मानवाधिकारों की निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के दो दफ्तरों पर विदेशी मुद्रा विनिमय के धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि विदेश मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी दस्तावेजों की तलाश कर रही है।
उन्होंने कहा कि ईडी विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के धन से संबंधित एनजीओ के खातों की केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहले से चल रही जांच के संदर्भ में फेमा के संभावित और कथित उल्लंघन की पड़ताल कर रही है। एजेंसी का मानना है कि फेेमा नियमों का उल्लंघन करके एमनेस्टी इंटरनेशनल की ब्रिटिश शाखा और ब्रिटेन की कुछ अन्य संस्थाएं व्यावसायिक माध्यमों से एमनेस्टी इंडिया को पैसे भेजती हैं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में करीब 36 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जो एमनेस्टी इंडिया को मई, 2014 से अगस्त, 2016 के बीच मिली। ईडी की यह कार्रवाई पर्यावरण पर काम करने वाले एनजीओ ग्रीनपीस और उससे जुड़े अन्य संगठनों के बंगलूरू दफ्तर पर छापेमारी के दो हफ्ते बाद की गई है। ग्रीनपीस पर छापेमारी की कार्रवाई में ईडी ने उसके सभी खातों को फ्रीज कर दिया था। हालांकि ग्रीनपीस ने विदेशी सहयोग प्राप्त करने के आरोपों से इनकार किया था।