भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 6 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले पुणे की एक अदालत ने सुधा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद पुणे पुलिस की टीम ने उन्हें यहां गिरफ्तार किया। पुणे पुलिस सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार कर सूरजकुंड थाने ले गई।
शनिवार को सूरजकुंड थाने के एसएचओ विशाल कुमार ने बताया कि पुणे पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें सूचना दे दी थी। शनिवार को सुधा भारद्वाज ने पुलिस हिरासत में रहने के दौरान उन्हीं फाइव स्टार जैसी सुविधाओं की मांग की, जैसे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने मांगी थी। वहीं, लोक अभियोजक ने कोर्ट में सुधा भारद्वाज की मेडिकल रिपोर्ट सौंपी।
पुलिस हिरासत में रहने के दौरान सुधा भारद्वाज का हर 24 घंटे में मेडिकल चेकअप होगा। लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी सुधा भारद्वाज ने पुलिस हिरासत में रहने के दौरान उसी तरह की सुविधाएं मांगी हैं, जैसे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने मांगी थी। लोक अभियोजक ने सुधा भारद्वाज को ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर की दवाएं, डॉक्टर की सलाह के मुताबिक भोजन और बेहतर साफ-सफाई की सुविधा देने पर सहमति जताई।
उल्लेखनीय है कि सुधा भारद्वाज भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में आरोपी हैं। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले ही सुधा भारद्वाज के घर के बाहर तैनात फरीदाबाद पुलिस के जवानों को हटा लिया गया था। गौरतलब है कि एक जनवरी 2018 को पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर एक समारोह आयोजित किया गया था, जहां हिंसा होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।