केंद्र ने पराली जलाय जाने के मुद्दों एक अहम बैठक बुलाई है। जिसमे पराली के जहरीले धुंए से निपटने के लिए बातचीत हुई। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने वायु प्रदूषण कार्य योजना पर एनसीआर राज्यों के साथ बैठक की। जिसमे पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। यादव ने बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पराली जलाने, धूल, निर्माण कार्य, बायोमास जलने तथा वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए राज्यों की कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा, “यह जानकर खुशी हुई कि जिस धारणा के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की परिकल्पना की गयी थी, वह राज्यों की कार्य योजना में दिख रहा है। कार्य योजना का परिणाम राज्यों द्वारा कार्यान्वयन की प्रभावकारिता पर महत्वपूर्ण रूप से निर्भर करेगा।” पूसा की बायो डीकम्पोजर तकनीक के उपयोग की योजना के संबंध में यादव ने कहा कि यह हरियाणा में किसानों को एक लाख एकड़ भूमि के लिए मुफ्त दिया जाएगा तथा दिल्ली में धान की खेती वाले 4,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को 6.1 लाख एकड़ भूमि पर उपयोग के लिए बायो डीकम्पोजर के 10 लाख कैप्सूल मुफ्त दिए जाएंगे। पंजाब को करीब 7,413 एकड़ भूमि के लिए कैप्सूल दिए जाएंगे। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण पराली का जलाना है।