नई दिल्ली : भाजपा की तरफ से दिए जा रहे फर्जी रजिस्ट्री के कागज ही भाजपा की पोल खोल रहे हैं। भाजपा की तरफ से दिए गए कागज के क्लाज नंबर 2 में साफ लिखा है कि जमीन पर वर्तमान में मौजूद सारे कानून लागू हैं। यहां किसी भी तरह का निर्माण अगर लैंड यूज बदले बगैर होता है तो उसे गिरा दिया जाएगा। यह दिल्ली के 40 लाख लोगों के साथ धोखा है। कॉलोनियों के नियमितीकरण बगैर कोई भी कागज फर्जी है। यह बहुत बड़ा धोखा है।
हकीकत यह है कि भाजपा की तथाकथित रजिस्ट्री दस्तावेज के क्लाज 2 में साफ लिखा है कि अनधिकृत काॅलोनियों में किसी भी तरह के निर्माण पर कार्रवाई के लिए एमसीडी और डीडीए को पूरा अधिकार है। क्योंकि भाजपा ने कच्ची कॉलोनियों को पक्का ही नहीं किया और न ही ऐसा करने की उसकी मंशा है। भाजपा ने सिर्फ चुनाव से पहले एक जुमला दिया है। यह बात दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
धोखा कर रही केंद्र सरकार
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मात्र 20 लोगों को रजिस्ट्री देकर अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने का दावा करने वाले केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 4 लाख लोगों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि मात्र 20 लोगों को कुछ फर्जी कागज पकड़ा कर यह दावा किया जा रहा है कि रजिस्ट्री शुरू कर दी गई हैं।
लैंड यूज बदले बिना नहीं दी जा सकती पक्की रजिस्ट्री
सिसोदिया ने भूमि के संबंध में बनाए गए कानून का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी खेती की जमीन या सरकारी जमीन का लैंड यूज़ बदले बिना वहां पर किसी भी व्यक्ति को पक्की रजिस्ट्री नहीं दी जा सकती। केंद्र सरकार खेती की जमीन पर पक्की रजिस्ट्री देने का दावा कर रही है यह बात ही अपने आप में फर्जी है।
सिसोदिया ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से प्रश्न पूछते हुए कहा कि आपके मुताबिक 20 लोगों को रजिस्ट्री दे दी गई है। लेकिन काॅलोनियों में रहने वाले बाकी 39,99,980 लोगों का क्या होगा, क्यों नहीं आपकी इस बात को भी पूर्व में हुई कई घटनाओं की भांति मात्र एक जुमला माना जाए?