नई दिल्ली : अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर आप पार्टी लगातार केन्द्र सरकार पर हमलावर दिख रही है। केन्द्र द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को जल्द रजिस्ट्री दिये जाने की घोषणा के बाद भी आप ने केन्द्र की भाजपा सरकार का पीछा नहीं छोड़ा है।
आप ने मंगलवार को लोकसभा में कच्ची कॉलोनियों को लेकर पेश किये गये बिल को दिल्लीवालों के साथ बहुत बड़ा धोखा बताया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा आने वाले चुनाव से पहले जनता को बहकाने की कोशिश कर रही है। अगर चुनाव से पहले लोगों के हाथ में अपने घरों की रजिस्ट्री नहीं आएगी तो इस तरह के कानून से लोगों को क्या मतलब है? पार्टी ने कहा कि लोगों को कानून का जुमला नहीं बल्कि रजिस्ट्री चाहिए।
आप ने कहा कि अखबारों की खबरों के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया के अंत में चुनाव से पहले केन्द्र की भाजपा सरकार सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री दिलवाएगी। रजिस्ट्री दिलवाने का महज सांकेतिक काम किया जाएगा। खबरों के मुताबिक भाजपा चुनाव के बाद ही अन्य लोगों को रजिस्ट्री देगी। इससे ये सवाल उठता है की ये 100 लोग कौन होंगे? पार्टी ने मांग की है कि हर एक व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री हो।
सिर्फ 100 लोगों को रजिस्ट्री देने से काम नहीं चलेगा। अगर िसर्फ 100 लोगों को ही रजिस्ट्री मिलती है तो यह दिल्ली के लाखों लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम होगा। आप का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने 12 नवम्बर 2015 में कॉलोनियों को पक्का कराने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा था। चार साल लगातार रजिस्ट्री के लिए संघर्ष किया और केन्द्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाया।
तिवारी ने बिल सदन के पटल पर रखे जाने के लिए पीएम मोदी और पुरी का किया आभार व्यक्त
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए मंगलवार को लोकसभा में बिल प्रस्तावित करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं हरदीप सिंह पुरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों के जीवन में सुधार आएगा।
कांग्रेस 15 साल तक अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के साथ धोखा करती रही है। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने दिल्ली के लोगों को झूठा प्रोविजनल सर्टिफिकेट तक बांट दिया जिससे अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग ठगा महसूस कर रहे थे।
पांच साल तक केजरीवाल सरकार ने भी अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के साथ विश्वासघात किया और अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण में सबसे बड़ी बाधा बनी रही, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितिकरण का बिल संसद के पटल पर रख दिया गया है।