दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। उपराज्यपाल की मांग पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया कट्टर ईमानदार है। केजरीवाल वार पर अब बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पार्टी मुख्यालय में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और रामवीर बिधूड़ी के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से कई सवाल पूछे? उन्होंने कहा कि इससे पहले कि वो अपने आप को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देना शुरू करें और ईमानदारी का ढकोसला करें, मेरे केजरीवाल जी से कुछ सवाल हैं। लेकिन प्रश्नों का उत्तर न देने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि लोकतंत्र में प्रश्न पूछे जाते हैं और उनका उत्तर देना अनिवार्य है।
सिसोदिया को केजरीवाल ने बताया कट्टर ईमानदार , कहा – सीबीआई की जांच से कोई डर नही
उन्होंने पूछा कि केजरीवाल जी ये बताएं कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने नोटिस दिया था उन कंपनियों को, जिनको शराब के लाइसेंस दिए गए थे। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई? 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट के जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट उन्हीं कंपनियों को बिना कानून का पालन किए दी गई?
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर उसके लिए प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया जाता तो, वो डिपॉजिट सरकारी खजाने में चला जाता है। लेकिन इस केस में ये 30 करोड़ रुपये बिना किसी अप्रूवल और प्रक्रिया के उस कंपनी को वापस किये गए। जब L1 का टेंडर किसी भी कंपनी का लगता है, तो उस टेंडर से पहले कुछ बयाना राशि देना पड़ता है। एक कंपनी द्वारा 30 करोड़ रुपये बयाना राशि दिया गया।
गैरकानूनी तरीके से अपनाई गई आबकारी निति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन्होंने शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन करते हुए जो निर्णय लिए हैं, उससे जनता का ही नुकसान हुआ है। दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से आबकारी निति को अपनाया गया। दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी हुई है। केजरीवाल जी को इस घोटाले का पूरा ब्योरा तथ्यों के आधार पर देना चाहिए। ऐसी क्या जल्दी थी कि बिना एजेंडा सेट किए इन्हें कागजों पर हस्ताक्षर करने पड़े।
सरकार ने शराब माफिया को 10% फायदा देने का किया काम
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मैं आज सबसे पहले उपराज्यपाल साहब का धन्यवाद करता हूं। क्योंकि दिल्ली की नई शराब पॉलिसी के खिलाफ बीजेपी भी बहुत दिनों से आंदोलन कर रही थी, क्योंकि उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। आज बड़ी खुशी की बात है कि उपराज्यपाल साहब ने इसकी CBI जांच के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि जिस समय नई शराब नीति घोषित हुई, उस समय 2.5% कमीशन शराब के ठेकेदारों को दिया जाता था, जिसको बढ़ाकर 12.5% किया गया। सीधे 10% का फायदा शराब माफिया को देने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है।
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है।
आपको बता दें कि नयी आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गयी थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए। कई शराब की दुकानें खुल नहीं पायी। ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए। बीजेपी और कांग्रेस ने इस नीति का पुरजोर विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज करायी थी।