भाजपा ने कोलकाता में अपने अध्यक्ष अमित शाह पर कथित हमले के बाद वहां हुई हिंसा की निंदा करने के लिए यहां जंतर मंतर पर मूक प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, जितेंद्र सिंह, विजय गोयल, हर्षवर्धन ने काली पट्टी बांधी हुई थी और वे मंच पर मुंह पर अंगुली रख कर बैठे हुए थे। भाजपा के कुछ नेता तख्तियां पकड़े हुए थे जिनपर लिखा था, ‘बंगाल बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’।
भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘लोकतंत्र का गला घोंटने’ का आरोप लगाया। सीतारमण ने कहा, “कल हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (शाह) की रैली में हिंसा हुई। अगर सीआरपीएफ नहीं होती तो हमारी पार्टी के अध्यक्ष सुरक्षित वापस नहीं आते।” उन्होंने कहा, “मेरे खयाल से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आसन्न हार ने इतना तिलमिला दिया है कि वह अपने काडर को हिंसा करने के लिए भड़का रही हैं।”
कोलकाता में हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार, चुनाव आयोग करे हस्तक्षेप : शाह
रक्षा मंत्री ने हैरानी जताई कि कॉलेज परिसर के अंदर एक कमरे में बंद जाने-माने सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा कैसे टूट गई। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता कॉलेज परिसर में थे और वे हमले के पीछे हैं। सीतारमण ने बनर्जी पर हिंसा की जिम्मेदारी भाजपा कार्यकर्ताओं पर डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा, “सफेद झूठ” फैलाया जा रहा है।
मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र ‘खतरे’ में है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने मीम साझा करने के लिए भाजपा युवा मोर्चा की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी का भी हवाला दिया। जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि भाजपा के राज्य में ‘शांतिपूर्ण’ प्रचार में बाधा डालने के लिए साजिश के तहत हिंसा की गई है। जितेंद्र सिंह ने पूछा, “हम अपने देश में किस तरह का लोकतंत्र बनने देंगे? एक हिंसा या दमन से छलनी या बिना हिंसा या दमन वाला?”
हर्षवर्धन ने उच्चतम न्यायालय, चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से बनर्जी की सरकार को बर्खास्त करने का अनुरोध किया। प्रदर्शन का आयोजन करने वाले गोयल ने आरोप लगाया कि बनर्जी ‘लोकतंत्र का गला’ घोंटना चाहती हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से ‘डरी’ हुई हैं।