दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्चें को लेकर बीजेपी और आप पार्टी में तनातनी तेज होती जा रही है। इस बीच, आर्थिक संकट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये मांगे जाने पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को राजघाट पर धरना-प्रदर्शन के दौरान तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार के पास विज्ञापनों के लिए पैसे हैं, लेकिन कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसे नहीं।
कोरोना के संकट के बीच धरना-प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं को दिल्ली पुलिस ने बाद में हिरासत में ले लिया। भाजपा नेता कुलजीत सिंह चहल ने कहा, दिल्ली में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल अभी तक निद्रा में हैं। प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली भाजपा के नेताओं ने प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारी दी। धरना-प्रदर्शन के दौरान तिवारी ने कहा, केजरीवाल सरकार जनता से झूठ बोलना बंद करें। सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। क्या केजरीवाल सरकार को विज्ञापनों पर खर्च के लिए 5000 करोड़ रुपये चाहिए? मुख्यमंत्री जवाब दें।
उन्होंने इस दौरान केजरीवाल सरकार की ओर से अब तक मीडिया को दिए विज्ञापनों के पैसे का हिसाब मांगा। उन्होंने कहा, 22 मार्च के जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक टीवी, प्रिंट और इंटरनेट पर दिए विज्ञापनों पर कितने करोड़ खर्च किया और अस्पतालों के बेड व वेंटिलेटर पर कितना खर्च किया, मुख्यमंत्री जनता को जवाब दें। तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता जब प्राइवेट हॉस्पिटल में 5 लाख देकर इलाज कराएगी, होम आइसोलेशन में रहेगी। होटल में भी 3100 रुपये प्रतिदिन की दर से क्वारंटाइन हो रही है, तब तो सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं होना है। फिर पांच हजार करोड़ रुपये किस लिए? आम आदमी पार्टी को जवाब देना चाहिए कि 22 मार्च से 29 मई तक बेड और वेंटिलेट पर कितना खर्च किया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से दिल्ली की आर्थिक मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इसके बाद से भाजपा दिल्ली सरकार पर निशाना साधने में जुटी है।