नयी दिल्ली : पिछले छह-सात दशकों में देश के विकास के लिए कुछ नहीं करने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि जमीन से आसमान तक हर जगह पर कांग्रेस की मेहनत दिखती है, दूसरी तरफ भाजपा नीत राजग सरकार में खूबसूरत नारों और जुमलों से जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले 55-60 साल में कांग्रेस ने देश के लिए क्या किया है, भाजपा के लोग चार साल में भी नहीं समझ पाए हैं। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने कृषि और अन्य क्षेत्रों के लिए देश में पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की थीं। कांग्रेस ने भिलाई और बोकारो में इस्पात संयंत्र लगाये। हीराकुंड, भाखड़ा नांगल बांध भी कांग्रेस की देन हैं।
खड़गे ने कहा कि बीएचईएल और एचएएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कांग्रेस ने देश को दिये। 1965 में कांग्रेस के शासनकाल में ही हरितक्रांति शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि जमीन से लेकर आसमान तक, बुनियादी ढांचे से लेकर विज्ञान तक जहां कहीं भी अंगुलि रखेंगे, वहां कांग्रेस की मेहनत नजर आएगी। हरित क्रांति, श्वेत क्रांति हम लेकर आए। खड़गे ने कहा, ‘‘भाजपा के लोग बार बार कहते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया। अगर हम कुछ नहीं करते तो लोगों को पेटभर भोजन नहीं मिलता।’’ उन्होंने कहा कि वहीं भाजपा नीत राजग सरकार केवल जुमलों और नारों की सरकार है और भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है, सांप्रदायिक ताकतें सिर उठा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘खूबसूरत नारों और जुमलों से जनता का पेट नहीं भरता। शौचालय जैसे विषय देश के लिए जरूरी हैं लेकिन पहले पेट में भोजन होना जरूरी है।’’
खड़गे ने कहा कि भाजपा की सरकार में लोगों को बोलने की आजादी नहीं है, महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। गरीबों का दमन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंत्रियों ने संप्रग की हर योजना का नाम बदल लिया। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी अनेक योजनाओं के दोबारा उद्घाटन किये जिनका शुभारंभ कांग्रेस के समय हो गया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की बात करते हैं और वहीं दीनदयाल उपाध्याय की भी बात करते हैं जबकि दोनों के विचारों में कोई समन्वय नहीं है। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री बताएं कि दोनों के विचारों का समन्वय कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोदी सरकार 5.50 करोड़ शौचालय बनाने के लक्ष्य से बहुत पीछे है। उन्होंने आधार से निजी जानकारी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप सभी की जानकारी लेकर ब्लैकमेल करना, डराना चाहते हैं ।
खड़गे ने कहा कि संप्रग के समय जीडीपी की विकास दर 9.1 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गयी थी जबकि राजग सरकार में नोटबंदी और अन्य कारणों से यह 5.6 प्रतिशत तक गिर गयी और सुधार के बाद भी 6.3 प्रतिशत के स्तर तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दर को 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित करके चल रही है जो चुनावी साल में पाना संभव नहीं है। लोगों को गुमराह किया जा रहा है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि राजग के समय कच्चे तेल के दाम इतने कम हो गये लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम कम नहीं हो रहे तो सरकार बताए कि इससे पिछले चार साल में बचे छह लाख करोड़ रुपये उसने किस योजना में खर्च करने के लिए रखे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि ‘मैं ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा’ लेकिन उनका असली नारा है कि ‘मैं ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा लेकिन अपने उद्योगपति दोस्तों को खिलाऊंगा।’
खड़गे ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि पदोन्नति में एससी-एसटी को आरक्षण के विषय को आगे बढ़ाए और महिला आरक्षण विधेयक को अगले सत्र में पारित कराए। इसमें कांग्रेस सहयोग देगी। उन्होंने अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की शुरूआत की भी मांग की। खड़गे ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। उत्तर प्रदेश के कासगंज की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि कानून अपने हाथ में लो। इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि खड़गे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर बेबुनियाद आरोप लगाया है। खड़गे ने नोटबंदी, जीएसटी को लेकर भी सरकार और वित्त मंत्री को आड़े हाथ लिया। खड़गे ने कहा कि हमने शिक्षा का अधिकार, नरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून जैसे कार्यक्रम शुरू किये लेकिन भाजपा के लोग कभी इनकी तारीफ नहीं करते। बार बार सवाल उठाते हैं कि 60-70 साल में हमने क्या किया।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।