नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने बोटेनिकल गार्डन-कालकाजी लाइन की शुरुआत को लेकर लगाए जा रहे सभी कयासों को दर किनार करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह लाइन आगामी सोमवार को ही शुरू होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसकी शुरुआत बोटेनिकल गार्डन से दोपहर 12 बजे करेंगे। इसके बाद शाम पांच बजे तक यह लाइन आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद होंगे। इस लाइन पर ड्राइवर लेस मेट्रो चलाए जाने को लेकर उठ रही शंकाओं को दूर करने के लिए डीएमआरसी ने शुक्रवार को इस लाइन का प्री ऑपरेशन डेमो भी दिखाया।
इस संबंध में डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन) अनुज दयाल ने बताया कि कालिंदी कुंज डिपो में हुए हादसे से इस लाइन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दोनों अलग-अलग घटनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मजेंटा लाइन के इस सेक्शन का ऑपरेशन संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिस्टम पर आधारित है। इसमें गलती की गुंजाइश न के बराबर है। कालिंदी कुंज डिपो हादसे और इस लाइन के ऑपरेशन में कोई मेल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस लाइन पर ड्राइवर लेस मेट्रो को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है जबकि इसे समझने की जरूरत है।
इस लाइन पर चलने वाली सभी ट्रेनें ड्राइवर लेस ऑपरेशन में पूरी तरह सक्षम हैं लेकिन ट्रेन के बोर्ड पर एक ऑपरेटर तैनात रखा जाएगा जो ट्रेन पर नियंत्रण रखेगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुुरक्षा के मद्देनजर सीबीटीसी के अलावा इस लाइन पर प्लेटफॉर्म सिक्योरिटी डोर होंगे जो ट्रेन के स्टेशन पर रुकने के बाद ही खुलेंगे। इस पर लाइन चलने वाली मेट्रो के सभी कोच में लाल,नीले एवं गुलाबी रंग की सीटंे होंगी। ट्रेन के पहले कोच में गुलाबी रंग की सीटंे होंगी। क्योंकि यह कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। इसके अलावा अन्य कोच में नीले एवं लाल रंग की सीटें होंगी। इनमें से जो भी सीटें आरक्षित वे ज्यादा गहरे लाल एवं नीले रंग में होंगी। अनुज दयाल ने बताया कि यह लाइन स्टैंडर्ड गेज होगी लेकिन इस पर ब्रॉड गेज के कोच लगेंगे। इनमें स्टैंडर्ड लाइन पर चलने वाले कोच से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे।
ड्राइवर लेस मेट्रो के परिचालन पर लोगों से सुझाव लेगा डीएमआरसी
ड्राइवर लेस मेट्रो को लेकर हो रही फजीहत के चलते दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) अब इसका परिचालन दो साल बाद शुरू करेगा। इन दो सालों के दौरान डीएमआरसी आम लोगों एवं तकनीकी विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर सुझाव भी एकत्रित करेगा। इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने के बाद डीएमआरसी ड्राइवर लेस ट्रेन के परिचालन पर आगे कदम बढ़ाएगा। हालांकि डीएमआरसी ने इस मुद्दे पर स्पष्ट कर दिया है कि इसे ड्राइवर लेस ट्रेन की तकनीकी खामी से जोड़कर कतई न देखा जाए।
डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन) अनुज दयाल ने बताया कि ड्राइवर लैस ट्रेन कुआलालम्पुर (मलेशिया), नार्वे एवं कई पश्चिमी देशों में सफलतापूर्वक चल रही हैं। हमारे यहां जो मेट्रो हादसा हुआ वह तकनीकी फेल्युअर नहीं बल्कि मानवीय गलती है। मजेंटा लाइन पर अत्याधुनिक ऑटोमेशन सिस्टम तैनात हैं जो इस तरह की घटना को नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि टेक्निकल एडवांसमेंट की दिशा में ड्राइवर लेस ट्रेन बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता किया जा रहा है। लोगों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे जरूरी है।
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