इंस्टाग्राम चैट ग्रुप ‘बॉयज लॉकर रूम’ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर एसआईटी या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से मामले की जांच कराने का निर्देश देने की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि इंस्टाग्राम पर चल रहे ‘‘बॉयज लॉकर रूम’’ ग्रुप में कम उम्र की लड़कियों की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें और आपत्तिजनक संदेश साझा किए गए।
इस ग्रुप के ज्यादातर लोग दिल्ली के किशोर लड़के हैं जिन्होंने नाबालिग लड़कियों पर कथित तौर पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री साझा की। इस ग्रुप में नाबालिग लड़कियों पर अश्लील टिप्पणियां तथा उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरें पोस्ट की जा रही थीं। इस याचिका पर 13 मई को सुनवाई हो सकती है।
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याचिकाकर्ता देव आशीष दुबे ने दिल्ली के स्कूल छात्रों के अपराध को सामने लाने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षा की भी मांग की, ताकि ग्रुप के सदस्य उन्हें नुकसान न पहुंचा सकें। याचिका में कहा गया है, ‘‘चूंकि यह मुद्दा ‘बॉयज लॉकर रूम’’ नाम के एक इंस्टाग्राम ग्रुप के सदस्यों द्वारा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराध से जुड़ा है, इसलिए याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दायर की है। इस ग्रुप को स्कूल के छात्रों मुख्यत: दक्षिण दिल्ली में रहने वाले छात्रों ने बनाया था।
वकील दुष्यंत तिवारी और ओम प्रकाश परिहार द्वारा दायर याचिका में केंद्र तथा दिल्ली सरकार को सोशल मीडिया चैट ग्रुप घटना की विशेष जांच दल (एसआईटी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसमें अधिकारियों को इस इंस्टाग्राम ग्रुप के सभी सदस्यों को फौरन गिरफ्तार करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया गया है।
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याचिका में कहा गया है, ‘‘एसआईटी या सीबीआई को इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि ये छात्र बड़े परिवारों के हैं और ऐसी आशंका है कि स्थानीय पुलिस द्वारा की गई जांच प्रभावित हो सकती है और दोषियों को कभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।’’ इसमें कहा गया है कि इन छात्रों के द्वारा की गई अश्लील टिप्पणियां और तस्वीरें सार्वजनिक होने के बाद माफी मांगने या डरने के बजाय उन्होंने लड़कियों को खुले तौर पर धमकी दी और इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए इन छात्रों द्वारा किया गया अपराध गैरकानूनी है तथा यह विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है।’’