पश्चिमी दिल्ली : बुराड़ी कांड ने नया मोड़ ले लिया है। जहां लोग घर को भूतिया बोल रहे थे और गली से गुजरना भी भय महसूस कर रहे थे। वहीं ग्यारह मौतों वाले घर में मृतक के भाई दिनेश ने रहना शुरू कर दिया। ललित की दुकान को भी खोल दिया गया। ललित के भाई दिनेश ने यहां आकर रहना शुरू कर दिया है ताकि लोगों का वहम खत्म हो। दुकान चार दिन से खुली जरूर है पर कोई ग्राहक नहीं जा रहा है। साथ ही 11 पाइपों के छेद को भी बंद करा दिया गया है। बुराड़ी के संत नगर में करीब 4 महीने बाद 11 लोगों की मौत वाले घर में फिर से चहल-पहल नजर आने लगी है।
चार माह से था बंद… बुराड़ी के संत नगर के इस घर के दरवाजे करीब 4 महीने बाद खोले गए है। करीब 4 महीने बीतने के बाद अब बुराड़ी का यह घर अनलॉक हो चुका है। एक साथ 11 लोगों की मौत के बाद बंद दरवाजा परिवार के सदस्य दिनेश ने खोल दिया और वह अपनी पत्नी के साथ यहां रहने आ गए हैं। साथ ही उस दुकान को भी सामान्य रूप से खोल दिया गया जिसको ललित संभालते थे। कोर्ट के आदेश पर दिनेश को इस घर की चाबियां सौंपी गई हैं। इससे पहले पुलिसकर्मी परिवार के साथ आकर के इस घर का मुआयना करके गए और अब इस गली और घर के हालात बिल्कुल सामान्य हो चुके हैं।
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चार दिन में भी नहीं हुई बोहनी… पिछले चार दिनों से ललित जिस दुकान को संभालता था, वह दुकान भी सामान्य तरीके से खुल रही है। हालांकि लोग अभी तक इस दुकान में बोहनी करने भी नहीं आए। दुकान में काम करने वाले राम विलास का कहना है कि शायद लोगों में अभी भी कोई डर बसा है। जानकारी के अनुसार सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने ललित के बड़े भाई दिनेश एवं बहन को घर की चाबी सौंप दी थी। इसके बाद से दिनेश अपनी पत्नी के साथ घर की साफ सफाई में जुट गया। इस घर के आसपास के लोगों ने बताया कि दिनेश अपनी पत्नी के साथ इस घर में पिछले तीन-चार दिनों से सामान्य रूप से रह रहे हैं और वहीं वह खाना पीना भी बना रहे हैं और अब गली और घर का वातावरण बिल्कुल सामान्य हो चुका है।
दिनेश ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर बुधवार को घर में पूजा पाठ भी किया था। इसके बाद वह गुरुवार को अपने घर राजस्थान रावतभाटा चले गए थे। कुल मिलाकर बुराड़ी के जिस घर में 11 लोगों ने सामूहिक फांसी लगाई थी वहां अब सब कुछ सामान्य है। हालांकि जो व्यक्ति यहां पहली बार आता है उसकी निगाहें जरूर संत नगर में आते ही उस घर को ढूंढने लगती है जिस घर में 11 लोगों ने सामूहिक फांसी लगाई थी। स्थानीय लोगों और उनके रिश्तेदारों को अब सब कुछ सामान्य सा लगने लगा है और उनकी दुकान भी पिछले चार दिनों से खुल रही है।