पूर्वी दिल्ली : नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की ब्रिजपुरी कॉलोनी में गुरुवार रात संपत्ति विवाद और इलाके में कारोबार को लेकर चल रही प्रतिस्पर्धा के कारण एक कारोबारी को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। मृतक की पहचान सुभाष रावत (38) के तौर पर हुई है। स्कूटी व बाइक सवार पांच बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने सुभाष पर 7-8 राउंड फायरिंग की। जिसमें से दो गोली मृतक के सिर व एक गोली कंधे के पास लगी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया है।
शनिवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। दयालपुर पुलिस एक आरोपी के खिलाफ नामजद हत्या का केस दर्ज करके कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस के मुताबिक, सुभाष परिवार सहित ब्रिजपुरी इलाके में रहते थे। परिवार में माता-पिता, एक भाई व अन्य परिजन हैं। वे अविवाहित थे। सुभाष का केबल, बोतलबंद पानी और फाइनेंस का काम था। गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे वह अपनी अर्टिगा कार से घर लौट रहे थे। साथ में ड्राइवर संजय भी था।
इस बीज वह जैसे ही गली नंबर-10 में पहुंचे तभी घात लगाकर बैठे बदमाशों ने उनकी कार को घेर लिया। इससे पहले सुभाष कुछ समझ पाते आरोपियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। सुभाष को तीन गोलियां लगी। ड्राइवर सुरक्षित रहा। आरोपियों के फरार होने पर वह सुभाष को कार से जीटीबी अस्पताल लेकर गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुभाष पहली बार चला रहे थे कार
परिजनों ने बताया कि सुभाष कभी खुद कार नहीं चलाते थे, लेकिन गुरुवार को वह खुद गाड़ी चलाकर बुराड़ी में रहने वाले अपनी बहन के घर गए थे। वहां से लौटते हुए उन्होंने ड्राइवर संजय को फोन किया था। यमुना विहार से संजय को साथ लेकर वह घर जा रहे थे। घर से कुछ दूर उतरकर उन्हें कार पार्क करने के लिए ड्राइवर को देनी थी। इससे पहले वे संजय को कार देते हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस कारण वारदात के दौरान कार गली में लगे खंभे से भी टकरा गई थी।
दो वर्षों से चल रहा था विवाद… बताया गया है कि सुभाष ने कुछ लोगों के साथ प्रॉपर्टी का कारोबार किया था, लेकिन किसी संपत्ति में विवाद के कारण वह अलग हो गया था। इसके अलावा उसका बिट्टू गैंग से केबर के कारोबार को लेकर प्रतिस्पर्धा चल रही थी। पूरी आशंका है कि इन्हीं कारणों के चलते रेकी करने के बाद सुभाष की हत्या की गई है। इससे पहले भी सुभाष पर कई हमले होने की बात सामने आई है।
नेक दिल इंसान था मेरा भाई… सुभाष के भाई प्रेम का कहना है कि उनका भाई एक नेक दिल इंसान था। वह हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे रहता था। उसने कई जरूरतमंदों की मदद की थी। वह किसी का बुरा नहीं चाहता था। यही कारण है कि उसकी मौत से पूरी गली में मातम पसर गया है।