नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ जामिया गेट संख्या सात के बाहर लगातार प्रदर्शन जारी है। हर रोज यहां विपक्षी नेताओं के साथ-साथ, शिक्षक, कानून के जानकार लोग पहुंचकर लोगों में उत्साह भरने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर सहित दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा भी पहुंचे।
लोगों को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण कानून है। यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है। मोदी सरकार ने जानबूझकर एक खास धर्म के लोगों को छोड़ दिया है। थरूर ने कहा कि भारत की पहचान एक धर्म और एक जाति के रूप में नहीं हैं, लेकिन फिर भी भारत में एकता है।
जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ विद्यार्थी सड़क पर उतर आए। इस विरोध प्रदर्शन में कॉलेज का साथ आना सबसे अहम है। उन्होंने कहा है कि जामिया के बाहर सीएए के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन को एक महीने से ज्यादा हो गया है। इतनी कड़ाके के ठंड में भी विद्यार्थियों सहित आम नागरिक अपनी मांगों के लिए यहां डटे हैं। इससे पता चलता है कि लोगों में इस कानून के खिलाफ कितना रोष है।
जेएनयू पहुंचने के दौरान मेट्रो में फंसे
उधर जामिया के निकलने के बार थरूर शाहीन बाग भी लोगों को संबोधित करने पहुंचे। यहां भी उन्होंने आंदोलनकारियों को संबोधित किया। बाद में ट्वीट किया कि शाहीन बाग की साहसी महिलाओं से मिलने और उन्हें संबोधित करने का सौभग्य प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि आप ही शहर की शान हैं, भारत देश की जान हैं। यहां से उन्हें जेएनयू जाना था। लेकिन फिर वह जाम में फंस गए और ट्वीट किया कि जेएनयू के छात्रों को मेरा इंतजार करने का संदेश है, ट्रैफिक से जूझने के बाद मेट्रो में सफर का फैसला किया।