चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ ‘लाभ का पद’ मामले की चल रही सुनवाई दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद निष्फल होने वाली है। दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी घोषणा छह जनवरी को की गई थी। मतगणना 11 फरवरी को होगी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि संसदीय सचिव होने के नाते आप विधायकों ने लाभ का पद धारण किया और वे विधायक के तौर पर अयोग्य करार दिए जाने के भागी हैं। आयोग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, “चुनाव की घोषणा के बाद, सभी विधायकों की सदस्यता अब वस्तुत: खत्म हो गई है। अयोग्यता का मामला अब निष्फल होने वाला है।” ये बीसों विधायक आगामी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।
जनवरी 2018 में इन विधायकों को चुनाव आयेाग की सिफारिश पर अयोग्य करार दिया गया था। लेकिन उसी साल मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा फैसले को रद्द कर दिया गया। चुनाव आयोग द्वारा विधायकों के पक्ष को मौखिक रूप से नहीं सुने जाने पर गौर करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत का पालन नहीं किया गया। इसके बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें अयोग्य करार देने के फैसले को रद्द कर दिया था।
उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर चुनाव आयोग ने मामले की नये सिरे से सुनवाई शुरू की। नये सिरे से सुनवाई के दौरान आप विधायकों ने याचिकाकर्ता से जिरह की मांग की जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था। चुनाव आयोग ने कहा कि उपलब्ध दस्तावेज पर्याप्त हैं और याचिकाकर्ता से जिरह करने की कोई जरूरत नहीं है। विधायकों ने चुनाव आयोग के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जो लंबित है।