संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)ने रविवार को मांग की कि तीन कृषि कानूनों के विरूद्ध उसके प्रदर्शन के सात महीने पूरा होने के मौके पर 26 जून को उसके द्वारा मार्च निकालने पर किसानों के विरूद्ध दर्ज किये गये मामले वापस लिये जाएं।आंदोलन कर रहे कृषक संगठनों के महागठबंधन एसकेएम ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने कई आरोपों को लेकर कई किसानों के विरूद्ध मामले दर्ज किये हैं।किसानों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरूद्ध प्रदर्शन के सात महीने पूरे होने पर शनिवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपालों को सौंपने के लिए विभिन्न राज्यों में मार्च निकाला था।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘ चंडीगढ़ में बताया जाता है कि एसकेएम के कई नेताओं और कई अन्य प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध भादसं की 147, 148,149,186,188,332 और 353 धाराओं के तहत प्राथमिकियां दर्ज की गयीं। ’’उसने यह भी आरोप लगाया कि सड़कों पर बैरीकेड लगाने के बाद ‘पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया। ’’
उसने कहा, ‘‘ इस प्रकार के अलोकतांत्रिक एवं अधिनायकवादी आचरण से भी आगे बढ़कर एसकेएम नेताओं के विरूद्ध अब मामले दर्ज किये जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा इसकी निंदा करता है और मांग करता है कि प्राथमिकियां तत्काल एवं बिना शर्त वापस ली जाएं।एसकेएम ने कहा कि कई स्थानों पर किसानों को राजभवन तक रैलियां भी नहीं निकालने नहीं दी गईं और एसकेएम नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।उसने कहा, ‘‘ एसकेएम इसकी निंदा करता है और बताना चाहता है कि यह अपने आप में लोकतंत्र की विफलता एवं अघोषित आपातकाल है जिससे हम गुजर रहे हैं। ’’उसने कहा कि हिसार में 15 किसानों के विरूद्ध मामले दर्ज किये गये जिन्होंने 25 जून को भाजपा की बैठक के विरोध में प्रदर्शन किया था। उसने कहा कि प्राथमिकियां तत्काल वापस ली जाएं।