धनशोधन मामले में केंद्र ने दिल्ली HC से महबूबा मुफ्ती की याचिका को SC स्थानांतरित करने का किया आग्रह - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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धनशोधन मामले में केंद्र ने दिल्ली HC से महबूबा मुफ्ती की याचिका को SC स्थानांतरित करने का किया आग्रह

केंद्र ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि उसने सुप्रीम कोर्ट से महबूबा मुफ्ती की उस याचिका को स्थानांतरित करने का आग्रह किया है जिसमें धनशोधन रोकथाम अधिनियम के एक प्रावधान को चुनौती दी गई है।

केंद्र ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि उसने सुप्रीम कोर्ट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती की उस याचिका को स्थानांतरित करने का आग्रह किया है जिसमें धनशोधन रोकथाम अधिनियम के एक प्रावधान को चुनौती दी गई है। केंद्र की ओर से पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को बताया कि स्थानांतरण याचिका के सुप्रीम कोर्ट  के समक्ष एक सप्ताह के भीतर-29 अक्टूबर को सुनवाई के लिए आने की संभावना है।
इसके बाद, हाई कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की निर्धारित कर दी। केंद्र ने पहले अदालत को बताया था कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और योजना से संबंधित कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं और मामला एक विशेष पीठ को सौंपा गया है तथा पक्षों ने कुछ प्रश्नों का आदान-प्रदान किया है, जिनमें से एक प्रश्न वह भी है जो इस याचिका में है। केंद्र ने कहा था कि वह एक स्थानांतरण याचिका दायर करना चाहता है ताकि इन मामलों को एक साथ सूचीबद्ध किया जा सके।
इसने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सवालों में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत जांच शुरू करने से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने मार्च में दायर अपनी याचिका में संबंधित कानून की धारा 50 को अमान्य और निष्क्रिय घोषित करने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह अनुचित रूप से भेदभावपूर्ण, सुरक्षा उपायों से रहित है और संविधान के अनुच्छेद 20 (3) का उल्लंघन करती है।
अधिनियम की धारा 50 प्राधिकार, यानी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को सबूत देने या रिकॉर्ड पेश करने के लिए तलब करने का अधिकार देती है। तलब किए गए सभी व्यक्ति उनसे पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने और ईडी अधिकारियों के लिए जरूरी आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं। ऐसा नहीं करने पर उन्हें अधिनियम के तहत दंडित किया जा सकता है।
महबूबा ने धनशोधन के एक मामले में ईडी द्वारा उन्हें समन जारी किए जाने को भी चुनौती दी है और इस पर रोक लगाने का आग्रह किया है जिसे पूर्व में अदालत ने खारिज कर दिया था। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के साथ जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रहीं 61 वर्षीय महबूबा को राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
शुरुआत में ईडी ने मुफ्ती को 15 मार्च को तलब किया था, लेकिन उस समय उसने उनके व्यक्तिगत तौर पर पेश होने पर जोर नहीं दिया था। इसके बाद उन्हें 22 मार्च को तलब किया गया था। इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अमित महाजन ने कहा था कि उन्हें औपचारिक नोटिस जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे पहले से ही अदालत के समक्ष पेश हो रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वे कानून के सवाल पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करेंगे।

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