कोरोना माहमारी के बीच वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। देश में दो कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक वैक्सीन उपलब्ध करा रही है, लेकिन वैक्सीन मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है। जिसके चलते राज्य सरकारें लगातार केंद्र पर सवाल खड़े कर रही हैं। बीजेपी के वरिष्ठ प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को विपक्ष के आरोपी का जवाब देते हुए सरकार का पक्ष रखा।
संबित पात्रा ने कहा, अरविंद केजरीवाल और कुछ नेता जो रोज सवाल पूछ रहे हैं याद रखें कि ये वैक्सीन है काउंटर पर मिलने वाली कोई साधारण पैरासिटामॉल की गोली नहीं है कि आप गए उठाया और भारत लेकर चले आए। केंद्र सरकार ने भारत के अंदर वैक्सीन आए इसके लिए कानूनों को अप्रैल में आसान बनाया।
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल पूछा है कि दिल्ली में राज्य सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल से कम वैक्सीन क्यों खरीदी? उन्होंने कहा, ’27 मई तक केंद्र ने दिल्ली को 45 लाख 46 हजार 70 वैक्सीन की फ्री डोज दी है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने सीधे कंपनियों से आठ लाख 17 हजार 690 डोज खरीदी है। जबकि दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों ने अबतक 9 लाख 4 हजार 720 वैक्सीन की डोज खरीदी है। यानी कि दिल्ली सरकार से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल ने वैक्सीन खरीदी। केजरीवाल जी को इसका जवाब देना चाहिए। केजरीवाल सरकार ने कुल 13 फीसदी ही खुद से वैक्सीन खरीदी है। यानी कि उन्होंने अपने दम पर केवल 13 फीसदी लोगों का टीकाकरण किया।’
बच्चों के वैक्सीनेशन पर भ्रम फैला रहे है CM केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में ये बात कहकर भ्रम फैलाने की कोशिश की कि देश बच्चों को वैक्सीन नहीं दे रहा। वैक्सीनेशन वैज्ञानिक तरीका है, पूरे विश्व में कहीं भी बच्चों को टीका नहीं दिया जा रहा। अभी इसका ट्रायल चल रहा है। भारत में भी यथाशीघ्र ये ट्रायल शुरु हो रहा है।
उन्होंने कहा, भारत बायोटेक का सिर्फ एक प्लांट था लेकिन आज भारत बायोटेक का 4 प्लांट है क्योंकि भारत सरकार ने वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए काम किया है। PSUs को भी उत्पादन बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है और वे भी कोवैक्सीन के उत्पादन में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
स्पुतनिक-V पर रखा सरकार का पक्ष
रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V पर सरकार का पक्ष रखते हुए संबित पात्रा ने कहा कि सरकार की बातचीत का ही नतीजा रहा है कि रूस की वैक्सीन भारत लाई गई और किस प्रकार डॉ. रेड्डी लैब के साथ उसका उत्पादन भारत में बढ़ाया जाएगा, अब वो तकनीक भी भारत में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक के पास अपना लाइसेंस है। केंद्र सरकार ने ये निर्धारित किया कि भारत बायोटेक अपने लाइसेंस को तीन और कंपनियों के साथ साझा करे, ताकि वो भी को-वैक्सीन के उत्पादन को शुरु कर सकें। भारत बायोटेक फिलहाल लगभग 1 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाती है, वो अक्टूबर तक 10 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाने लगेगी।
उन्होंने कहा कि स्पुतनिक को लेकर भारत में जो वैक्सीन का उत्पादन होगा, वो 6 कंपनियां करेंगी। कुछ और कंपनियों को कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत लिब्रल फंडिंग देकर भारत सरकार ने वैक्सीन के उत्पान को बढ़ाने का प्रयास किया है।