नई दिल्ली : चांदनी चौक संसदीय सीट से भाजपा की ओर से टिकट की दौड़ में कारोबारी सुधांशु मित्तल का नाम प्रबल दावेदारों में बताया जा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी वे दावेदार थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपर्क में रह चुके मित्तल की भाजपा में राजनीति करने की बजाय राजनीति करवाने वाली छवि रही है। चांदनी चौक में वैश्य समाज का उनसे काफी मेल-जोल है और वे सभी के चहेते हैं।
पार्टी सूत्रों की माने तो दिल्ली में सांसद प्रत्याशियों के टिकट वितरण को लेकर उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में वर्तमान सांसदों से लेकर सभी अपनी-अपनी ताल ठोक रहे हैं। वहीं सुधांशु मित्तल के नाम को लेकर शीर्ष भाजपा नेताओं में भी विचार विमर्श जारी है। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार उन्हें चांदनी चौक से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार सकती है। सरल और व्यवहार कुशल शैली होने के कारण सभी क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ है। इस कारण विरोधियों के खेमे में भी उन्हें पसंद किया जाता है।
सुधांशु मित्तल छात्र जीवन में ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। मित्तल ने स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से ली और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन की। छात्र राजनीति के बाद वे सबसे पहले प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा के संपर्क में आए। इसके बाद स्व. प्रमोद महाजन के करीब आने पर उन्हें उनका राइट हैंड कहा जाने लगा। भाजपा में आधुनिक सोच लेकर आने वालों में सुधांशु मित्तल का नाम शुमार रहा है।
भाजपा के बड़े-बड़े राष्ट्रीय अधिवेशनों में मित्तल के ही दिल्ली टैंट हाउस द्वारा टैंटों की व्यवस्था की जाती रही है। प्रमोद महाजन के संपर्क में आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी, उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और विजय गोयल के संपर्क में वे मुख्य रूप से बने रहे। मित्तल अपनी गजब की क्षमता और कार्यशैली के चलते पार्टी में काफी पसंद किए जाते हैं।
बताया जाता है कि केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल के सदर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते समय उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मित्तल मीडिया में पार्टी के प्रवक्ता के रूप में अपना पक्ष प्रमुखता से रखते हैं। वे खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) के अध्यक्ष भी हैं।