मतदाताओं को लुभाने के लिए छत्तीसगढ़ के कोरबा में प्रत्याशियों ने एक नया तरीका अपनाया है। दरअसल, कुछ राजनीतिक पार्टियों ने ऐसी चिकन शॉप्स से टाइअप कर लिया है जो वोटर्स को 10 रुपये किलो में चिकन उपलब्ध करा रही हैं। रविवार को जब चुनाव आयोग के 19 उड़नदस्तों ने अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा तो समझ में आया कि बाजार में सज-संवरकर ताबड़तोड़ बिक रहा मांस कोई आम चिकन नहीं, बल्कि चुनावी मुर्गा है, जिनकी एडवांस बुकिंग किसी और ने की है और 10 रुपए का नोट बतौर कूपन इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
विशेष सीरियल नंबर वाले इन रुपयों के आधार पर संचालक चिकन दे रहे थे। फिलहाल मामला पुलिस को नहीं सौंपा गया है। 10 रुपये किलो चिकन के लिए इन राजनीतिक पार्टियों ने कुछ खास सीरियल नबंर वाले नए नोट आस-पास के इलाकों के रहवासियों में बंटवाए हैं, जिन्हें टोकन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिन भी मतदाताओं के पास यह नोट हैं वह चिकन शॉप्स पर जाते हैं और इन 10 के नोटों को दिखाकर चिकन ले आते हैं। यही नहीं मतदाताओं को 10 रुपये में चिकन मिल सके इसके लिए इलाके का प्रभारी पूरे समय दुकानदार के संपर्क में रहता है। चुनावी मुर्गा का बाजार गर्म है एक निश्चित सीरियल वाले 10 रुपये के नोट के एवज में एक किलोग्राम चिकन देने का ऑफर लगभग सभी सेंटरों में था, सुबह से चिकन सेंटरों में दस का टोकन लेकर चिकन लेने वालों की भीड़ लग गई।
जाहिर है कि मुफ्त में चिकन का लालच कोई नहीं छोड़ना चाहता। जब प्रशासन को इसकी खबर मिली तो ताबड़तोड़ कार्रवाई करते ऐसे चिकन सेंटरों को सील कर दिया गया, जांच शुरू कर दी है। इसके बाद कुछ लोगों ने निर्वाचन आयोग की टीम ने चिकन सेंटरों में छपामार कार्रवाई की। इसके अलावा प्रदेशभर की अलग अलग सीटों पर भी निर्वाचन आयोग की टीम सख्त रवैया अपना रही है। प्रदेशभर में दूसरे चरण के मतदान 20 नवंबर को होने हैं।