पश्चिमी दिल्ली : पश्चिम विहार ईस्ट इलाके में गुरुवार दोपहर तेज धार चाइनीज मांझे की चपेट में आकर स्कूटी सवार एक सिविल इंजीनियर की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने मृतक की पहचान मानव शर्मा (22) के रूप में की है। पुलिस ने शुक्रवार को शव को पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने इस संबंध में लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मगर यहां आरोपी को ढूंढना पुलिस के लिए भूसे में सूईं ढूंढने के समान है। मांझा किसकी पतंग का था। कहां से खरीदा गया था। यह सब पता लगाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। जानकारी के मुताबिक मानव अपने परिवार के साथ बुध विहार इलाके में रहता था।
परिवार में माता-पिता, दो बहने मोनिका और स्नेहा है। गुरुवार को मानव ने दोनों बहनों से राखी बंधवाई और फिर हरि नगर अपनी मौसी के घर मुसेरी बहनों से राखी बंधवाने के लिए जाने लगा। मोनिका और स्नेहा ने भी साथ चलने की जिद की। मानव स्कूटी से दोनों बहनों के साथ मौसी के घर जाने लगा।
मौत की शक्ल में सामने आया मांझा
मानव घर से स्कूटी लेकर जैसे ही पश्चिम विहार स्थित एलीवेटेड फ्लाईओवर पर पहुंचा था। उसके आगे से एक कटी हुई पतंग का मांझा गले को रेतकर निकल गया। मांझे की धार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज दो से तीन सेकेंड में मानव का गला काफी गहरा कट गया और गले से खून का फव्वारा फूट पड़ा।
रक्षाबंधन पर बचाई बहनों की जान
रक्षाबंधन पर हाथ पर रखी बंधवाते वक्त मानव ने बहनों की रक्षा करने का जो वादा किया था। उस वादे को मानव ने अपनी आखरी सांस भी निभाया। जिस वक्त मांझे से मानव की गर्दन कटी थी। वह अनियंत्रित होकर स्कूटी से गिर सकता था। मगर उसने स्कूटी पर पीछे बैठी बहनों का ध्यान रखा और स्कूटी को तुरंत नियंत्रित कर साइड में रोकी। दोनों बहने स्कूटी से नीचे उतरीं, जिसके बाद स्कूटी गिर गई। अगर स्कूटी अनियंत्रित होकर गिर जाती तो मानव की बहनों की जान को भी खतरा था।
भाई को अस्पताल लेकर पहुंची बहनें
भाई की गर्दन से खून की धार फूटी देख दोनों बेहनों के होश उड़ गए। उन्होंने शोर मचाकर तुरंत राहगीरों को मदद के लिए रोका, जिसके बाद राहगीरों की मदद से ही भाई को तुरंत बालाजी एक्शन अस्पताल ले गए। मगर अधिक खून बह जाने के कारण डाक्टरों ने मानव को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से मानव के घर में मातम का माहौल है। वह घर का इकलौता बेटा था कुछ माह पहले ही उसके पिता अनिल की भी मौत हो गई थी।
मांझे से बुजुर्ग का गाल कटा… डाबड़ी में स्कूटी सवार एक बुजुर्ग मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। मांझे से उनका गाल कटा है। बुजुर्ग की पहचानओम प्रकाश के रूप में हुई है, जिन्हें पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। वह गुरुवार शाम स्कूटी से नांगल की तरफ जा रहे थे। डाबड़ी फ्लाईओवर के पास मांझा उनके चेहरे और गले से लिपट गया। धार इतनी तेज थी कि उनका चेहरा कट गया।
200 पक्षियों की मौत, 500 से ज्यादा घायल
ये कैसा जश्न है जो अपनी आजादी की खुशी में बेजुबानों की बली चढ़ा दे। राजधानी दिल्ली में रोक के बावजूद 73 स्वतंत्रता दिवस पर लोगों ने जमकर चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाई और दुष्परिणाम ये रहा कि कई बेजुबान (पक्षियों) की मौत हो गई तो वहीं सैकड़ों घायल हो गए हैं। मांझे की चपेट में आने से कई पक्षियों के ‘पर यानी पंख” इतनी बुरी तरह से जख्मी हो गए कि वह अब कभी उड़ान नहीं भर सकते।
अस्पतालों में भर्ती पक्षियों के आंकड़े पर नजर डालें तो करीब 200 की मौत और 500 से अधिक पक्षी गुरुवार को पतंगबाजी से घायल हो गए हैं। घायल पक्षियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इन पक्षियों में कई शायद कई ऐसे भी होंगे जो अब पंख फैलाकर खुले आसमान में उड़ नहीं पाएंगे। जीते जी उनकी आजादी छिन गई। 15 अगस्त से पहले ही दिल्ली में पतंगबाजी का सिलसिला शुरू हो जाता है, जोकि स्वतंत्रता दिवस के कई दिन बाद तक चलता रहता है लेकिन सबसे ज्यादा पतंगबाजी 15 अगस्त को की जाती है।
इस दिन सबसे ज्यादा पक्षी चाइनीज मांझे से शिकार होते हैं। कई बार पक्षियों की मौत भी हो जाती है। चांदनी चौक धर्मार्थ पक्षी चिकित्सालय के प्रबंधक सुनील जैन ने बताया कि इस बार पक्षियों की स्थिति ज्यादा गंभीर देखने को मिली है। कुछ पक्षी ऐसे भी थे जिन्हें बेहद ज्यादा चोट आई थी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। कुछ पक्षी चाइनीज मांझे से इतनी बुरी तरह घायल हुए हैं कि उनके पंख हड्डियों से अलग हो गए हैं और शायद वह दोबारा कभी उड़ न सकें।