SC के विकल ने राष्ट्रपति की जाति पर टिप्पणी करने पर CM केजरीवाल और खड़गे के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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SC के विकल ने राष्ट्रपति की जाति पर टिप्पणी करने पर CM केजरीवाल और खड़गे के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ राष्ट्रपति की जाति को लेकर भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने द्रौपदी मुर्मू की जाति को लेकर भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।वकील विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है की बयानों के पीछे की मंशा केंद्र के प्रति अविश्वास की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास करते हुए विभिन्न समुदायों और समूहों के बीच कलह पैदा करना है।
राष्ट्रपति की जाति का उल्लेख करते भड़काऊ बयान देते देखा
मैं यह शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ दर्ज करा रहा हूं, जिन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का उल्लेख करके समुदाय के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मकसद से भड़काऊ और अपमानजनक बयान दिए हैं। उन्होंने कहा, हाल ही में मैंने मीडिया रिपोटरें में कई प्रमुख नेताओं को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति की जाति का उल्लेख करते भड़काऊ बयान देते देखा है।
राष्ट्रपति भी आदिवासी और एसटी समुदाय से संबंधित
जिंदल ने कहा, खड़गे और केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान जानबूझकर भारत के राष्ट्रपति की जाति का उल्लेख करने के उद्देश्य से दिए गए हैं, यह दर्शाने के उद्देश्य से कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वर्तमान सरकार ने जानबूझकर राष्ट्रपति को संसद की नई इमारत के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया है। इन बयानों को समाचार और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित और प्रसारित किया जाता है और इसका परिणाम एसटी और आदिवासी समुदाय को भड़काना होगा क्योंकि हमारे राष्ट्रपति भी आदिवासी और एसटी समुदाय से संबंधित हैं।
इस तरह के बयान अत्यधिक निंदनीय 
जाति के आधार पर और समुदायों/समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए विधिवत निर्वाचित सरकार के खिलाफ प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं द्वारा दिए गए इस तरह के बयान अत्यधिक निंदनीय हैं। राजनीतिक नेताओं को सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस तक गिरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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