नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरने की तैयार है। राजनीति की यह लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ी जाए, इसके लिए कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में वार रूम तैयार किया जा रहा है। दिल्ली प्रदेश कार्यालय के सेंकेड फ्लोर पर प्रदेश अध्यक्ष के रूम के आगे खुले टैरिस पर अस्थाई वार रूम तैयार किया जा रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली में चुनावों की तारीख घोषित होने से पहले ही यह तैयार हो जाएगा। इसी वार रूम से पूरी दिल्ली के विधानसभा चुनावों पर नजर रख जाएगी साथ ही रणनीति तैयार होगी। चुनावों की तैयारियों के तहत छह इलेक्शन कमेटियों का गठन कर दिया गया है। साथ ही प्रत्याशियों के टिकटों के लिए छह सदस्यी स्क्रीनिंग कमेटी भी गठित की गई है।
इसमें चेयरमैन सहित तीन सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के तथा तीन सदस्य दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) से हैं। दूसरी तरफ प्रदेश कार्यालय में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट चाहने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इससे साफ है कि पार्टी इस समय कितने ही हाशिए पर क्यों न हो? कांग्रेस से टिकट की चाह रखने वालों की कमी नहीं है।
फिलहाल तो कांग्रेस इस बात पर अधिक फोकस कर रही है कि कांग्रेस किस तरह लड़ाई को त्रिकोणिय बनाए? सुभाष चोपड़ा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से दिल्ली कांग्रेस में जान आ गई है। अब हर मुद्दे पर कांग्रेस अपनी उपस्थिति का अहसास करा रही है। नए साल के मौके पर जिस तरह से कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ उपवास रखा, उससे देखते हुए जो संदेश कांग्रेस देना चाहती थी, वह संदेश लोगों तक पहुंच गया।