विपक्षी दल के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफमोर्चा खोल दिया है। NCP नेताओं ने कहा कि पार्टी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। उनके तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए इस साल जनवरी में ही सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव का ड्राफ्ट विपक्षी दलों को बांटा है।
NCP नेता और सीनियर एडवोकेट माजिद मेनन ने दावा किया कि कांग्रेस इस पर दस्तखत कर चुकी है और NCP भी समर्थन करेगी। NCP के ही डीपी त्रिपाठी ने कहा, “कई विपक्षी दल सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के ड्राफ्ट पर दस्तखत कर चुके हैं।’ हालांकि, राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “आज की तारीख में सीजेआई के खिलाफ महाभियोग पर कांग्रेस ने कोई स्टैंड नहीं लिया है।’
सीजेआई का कार्यकाल 2 अक्टूबर तक है। महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका के राजनीतिकरण की दिशा में उठाया गया कदम है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में चीफ जस्टिस की भूमिका सीमित करने के लिए यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल भ्रष्टाचार नहीं है, आरोप बेहद गंभीर हैं और उस पत्र से यह प्रकट होता है जो उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने पहले ही लिखा है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरा है। त्रिपाठी ने इस बात की पुष्टि की कि हस्ताक्षर करने वालों में राकंपा, माकपा, भाकपा के सदस्य तथा अन्य लोग हैं।
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