नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कार्यालय में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की स्मृति में रखी गई श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रिय नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा में पूर्व पीएम डाॅ. मनमोहन सिंह, पत्नी गुरशरण कौर, अखिल भारतीय कांग्रेस के कार्यसमिति के सदस्य एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हारुन यूसुफ, देवेन्द्र यादव, राजेश लिलोठिया ने उनको श्रद्धांजलि दी।
अन्य हस्तियों में पूर्व सांसद व पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल, अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविन्दर सिंह लवली, जगदीश टाइटलर, महाबल मिश्रा, जितेन्द्र कोचर, रोहित मनचंदा, आम आदमी पार्टी की बागी विधायक अलका लांबा सहित सेवादल एवं पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता अपनी दिवंगत नेता का पुनीत स्मरण करने को सम्मिलित हुए। सभा में दीक्षित के जीवन से संबधित एक वृत्तचित्र का प्रदर्शन भी किया।
प्रसिद्ध भजन गायक डागर घराने के पद्मश्री उस्ताद वासिफुद्दीन डागर ने अपने साथियों सहित द्रुपद राग का गायन किया और रागियों द्वारा शबद गुरबाणी का आयोजन किया गया। श्रद्धाजंलि सभा के बाद गुलाम नबी आजाद ने कार्यालय के सभागार का नामकरण शीला दीक्षित के नाम किया। श्रद्धाजंलि सभा में दिवंगत शीला दीक्षित के पुत्र व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, पुत्रवधु मोना दीक्षित, सुपुत्री लतिका और बहन रमा धवन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
फिर नहीं पहुंचे चाको… दिवंगत शीला दीक्षित की इस शोक सभा में प्रदेश प्रभारी पीसी चाको फिर शामिल नहीं हुए। इससे पहले चाको शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे। तब कहा गया था कि चाको केरल में है। रविवार को श्रद्धांजलि सभा में भी वह नहीं पहुंचे। आज भी कहा गया कि वह केरल में है।