आयुर्वेद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के संबंध में अदालत ने आईएमए के अध्यक्ष से मांगा जवाब - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

आयुर्वेद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के संबंध में अदालत ने आईएमए के अध्यक्ष से मांगा जवाब

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को (आईएमए), उसके अध्यक्ष, सचिव और अन्य से एक दीवानी मुकदमे में जवाब मांगा, जिसमें आयुर्वेदिक उपचार और दवाओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने की मांग की गई है।

आयुर्वेद और एलोपैथिक विवाद ने काफी हो-हल्ला मचाया था, इस विवाद में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रमुख भी कूद पड़े थे और उन्होंने आयुर्वेद को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद वह अब मुश्किल में घिरते हुए नजर आ रहे है। 
दरअसल, शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने (आईएमए), उसके अध्यक्ष, सचिव और अन्य से एक दीवानी मुकदमे में जवाब मांगा, जिसमें आयुर्वेदिक उपचार और दवाओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने की मांग की गई है।
सिविल न्यायाधीश दीक्षा राव ने राजेंद्र सिंह राजपूत द्वारा दायर एक मुकदमे पर आईएमए, उसके अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल, सचिव डॉ जयेश लेले, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और भारतीय मानक ब्यूरो को नोटिस जारी किया और नौ जुलाई तक उनका जवाब मांगा।
अधिवक्ता भरत मल्होत्रा के माध्यम से दायर मुकदमे में अदालत से जयलाल, लेले और आईएमए को आयुर्वेद उपचार के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोकने का आग्रह किया गया है। इसमें न्याय के हित में आयुर्वेद में विश्वास करने वाले लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करने का भी अनुरोध किया गया है। कोविड-19 टीकाकरण और एलोपैथिक दवा की प्रभावकारिता के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद योग गुरु रामदेव और आईएमए प्रमुख के बीच जारी खींचतान के बीच अदालत का यह निर्देश आया है। 
याचिकाकर्ता ने आईएमए अध्यक्ष और सचिव को किसी भी धर्म का प्रचार करने या हिंदुओं या अन्य की भावनाओं को आहत करने के लिए आईएमए के मंच का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया है। इसमें आईएमए के शीर्ष अधिकारियों से एक धर्म के प्रचार और आयुर्वेदिक दवाओं या उपचार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सार्वजनिक लिखित माफी मांगने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।