पतंग उड़ाने के काम आने वाले परंपरागत सूती मांजे के उत्पादन, बिक्री, खरीद और भंडारण पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आप सरकार से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा।
याचिका पतंग उड़ाने की सामग्री, मांजा आदि की बिक्री करने वाले दुकानदारों के संघ ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता संघ ने कहा कि अधिसूचना राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश की विरोधाभासी है जिसके आधार पर यह जारी की गई है।
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याचिका में कहा गया कि एनजीटी ने नायलॉन या सिंथेटिक मांजा के उत्पादन, बिक्री, खरीद और भंडारण पर प्रतिबंध लगाया है, परंपरागत सूती मांजे पर नहीं। संघ ने कहा कि एनजीटी ने 2017 के आदेश में परंपरागत सूती मांजे पर पाबंदी नहीं लगाई थी।