नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव कांड मामले को लेकर एम्स में अस्थाई अदालत लगाने की तीस हजारी कोर्ट की मांग पर अधिसूचना जारी कर दी है। पीड़िता को लेकर दर्ज मामले में तीस हजारी के साथ अब एम्स ट्रामा सेंटर में भी विशेष न्यायाधीश धर्मेेेश शर्मा अदालत का आयोजन करेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता का बयान एम्स ट्रॉमा सेंटर में दर्ज कराने की इजाजत भी जांच एजेंसी को दे दी है। विशेष न्यायाधीश के सामने पीड़िता के बयान दर्ज किए जाएंगे। एम्स ट्रॉमा सेंटर के परिसर या भवन में इस अदालत का आयोजन किया जाएगा।
हाईकोर्ट चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच ने आदेश जारी किया कि विशेष न्यायाधीश धर्मेश शर्मा, तीस हजारी जिला अदालत परिसर के अलावा एम्स के ट्रॉमा सेंटर के परिसर या भवन में पीड़िता की गवाही दर्ज करने के लिए अदालत का आयोजन कर सकते हैं। इससे पहले 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह उन्नाव कांड मामले में पीड़िता के बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष सुनवाई करने के निचली अदालत के न्यायाधीश के अनुरोध पर फैसला करे और सीबीआई को दुष्कर्म पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उसके वकील का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। जबकि इससे पहले जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट को कहा था कि वह पीड़िता के बयान दर्ज करने के लिए अस्पताल में एक विशेष अदालत आयोजित करने के निचली अदालत के न्यायाधीश की याचिका पर जल्द से जल्द निर्णय लें। बेंच ने यह भी कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश मुकदमे की सुनवाई पूरी करने की अवधि बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
क्योंकि निचली अदालत को 45 दिनों से आगे तक सुनवाई जारी रखने पर कोई रोक नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में उन्नाव कांड से जुड़े सभी पांच मामलों को दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। और 45 दिन में सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए थे। इसमें शामिल आरोपियों पर आरोप तय हो चुके हैं। गवाहों के बयान इस समय उन्नाव कांड मामलों में दर्ज किए जा रहे हैं।