दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को सोमवार को नोटिस भेजा और दो उसकी टीमें दिल्ली और गुड़गांव स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट के दफ्तर पहुंचीं।
दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने बताया, ‘‘दिल्ली पुलिस की टीमें सामान्य प्रक्रिया के तहत ट्विटर इंडिया को नोटिस देने के लिए उसके दफ्तरों में गयी थीं। इसकी जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि वे जानना चाहते थे कि नोटिस देने के लिए सही व्यक्ति कौन है क्योंकि ट्विटर इंडिया के एमडी की ओर से मिला जवाब बिलकुल सटीक नहीं था।’’
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि ‘टूलकिट’ मामले की जांच के सिलसिले में विशेष प्रकोष्ठ की दो टीमें ट्विटर इंडिया के लाडो सराय और पड़ोसी गुड़गांव शहर में स्थित कार्यालयों में छापा मारने पहुंची थीं। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट को ‘भ्रमित करने वाला’ बताने को लेकर माइक्रोब्लॉगिंक साइट से स्पष्टीकरण मांगा है।
बिस्वाल ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ ऐसी सूचना है जो दिल्ली पुलिस के पास नहीं है और यह जानकारी जांच से जुड़ी हुई है।दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कथित कोविड-19 ‘टूलकिट’ के संबंध में दर्ज शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर को नोटिस भेजकर उससे भाजपा नेता संबित पात्रा के ट्वीट को ”मैनिपुलेटिव” बताने पर स्पष्टीकरण मांगा है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित ‘टूलकिट’ से संबंधित पात्रा के ट्वीट को ”मैनिपुलेटिड” यानी हेर-फेर किया हुआ बताया था।दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ जानकारी है, जिसके बारे में पुलिस को नहीं पता है। यह जानकारी जांच से संबंधित है।
पुलिस ने हालांकि शिकायत की विषयवस्तु या शिकायतकर्ता की पहचान सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ”भारतीय स्वरूप” या ”मोदी स्वरूप” बताया और देश तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया।
हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिये फर्जी ‘टूलकिट’ का सहारा ले रही है। बिस्वाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस संबंध में दर्ज शिकायत की जांच कर रही है। पात्रा के ट्वीट को ”मैनिपुलेटिव” बताने के लिये ट्विटर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उन्होंने कहा, ”ऐसा प्रतीत होता है कि ट्विटर के पास कुछ जानकारी है जो हमें ज्ञात नहीं है और जिसके आधार पर उन्होंने इसे (पात्रा का ट्वीट) वर्गीकृत किया है। यह जानकारी जांच से संबंधित है। मामले की जांच कर रहा विशेष प्रकोष्ठ सच्चाई का पता लगाना चाहता है। सच पता होने का दावा करने वाले ट्विटर को स्पष्टीकरण देना चाहिये।”