दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने सोमवार को बताया कि दिल्ली के एक व्यवसायी की ‘क्रिप्टोकरेंसी’ कथित रूप से चोरी कर उसे फलस्तीनी संगठन हमास की सैन्य शाखा अल-कासम ब्रिगेड के खाते में अंतरित की गई। उन्होंने बताया कि व्यवसायी ने 2019 में पश्चिम विहार थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने फर्जीवाड़ा करके उसके ‘वॉलेट’ से ‘क्रिप्टोकरेंसी’ कहीं और भेज दी है।
2019 से जारी थी जांच
दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक व्यवसायी द्वारा शिकायत किए जाने के बाद कि पुलिस 2019 से इस मामले के खोजबीन में जुटी हुई थी। अब पुलिस ने बताया है कि जांच से पता चला है कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेल के कारण फिलिस्तीनी अल-कसम ब्रिगेड के पहुंच गए। बता दें कि अल-कसम ब्रिगेट हमास की मिलिट्री विंग है।
आतंकी ऑपरेशन में इस्तेमाल हुए पैसे
क्रिप्टोकरेंसी के जिस वॉलेट में पीड़ित का पैसा ट्रांसफर किया गया वॉलेट को इजरायल की नेशनल ब्यूरो फॉर काउंटर टेरर फाइनेंसिंग ने सीज कर लिया था। जो अकाउंट इजरायल ने सीज किया उसका संबंध मोहम्मद नासिर इब्राहिम अब्दुल्ला से था। अधिकारी ने बताया है कि एक वॉलेट जिसमें क्रिप्टोकरेंसी का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया गया है, गाजा और मिस्र से संचालित किया जा रहा है और यह अहमद मरजूक का है। वहीं दूसरा वॉलेट रामल्लाह, फिलिस्तीन के निवासी अहमद क्यू एच सफी का है।
पुलिस ने बताया है कि इन खातों के सभी विवरण बरामद कर लिए हैं। अब तक के जांच से पता चला है कि इन पैसों का इस्तेमाल आतंकी ऑपरेशंस और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए किया गया था।