23 नवम्बर को दिल्ली एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ। इस मामले को चीन और हांगकांग के एक स्थान से अंजाम दिया जाने का संदेह है दरअसल दिल्ली के एम्स के सर्वर पर हुए साइबर हमले के तार चीन और हांगकांग से जुड़े होने का संदेह है।
साइबर हमले को लेकर मांगे गए विवरण
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस हमले के संबंध में और अधिक विवरण मांगे गए हैं, जो चीन और हांगकांग की कंपनियों से प्राप्त किए जा सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में CBI को लिखा है, जो इंटरपोल के माध्यम से जानकारी प्राप्त करेगा। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, अभी तक सर्वर हमले को चीन और हांगकांग के एक स्थान से अंजाम दिए जाने का संदेह है।
23 नवंबर को करना पड़ा हमले का सामना
सूत्रों के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली को कथित तौर पर 23 नवंबर को एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिससे उसके सर्वर ठप हो गए। गौरतलब है कि 25 नवंबर को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई द्वारा इस सिलसिले में जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था।
साइबर सेल को सर्वर हैक होने का पता लगाने के संबंध में शिकायत दी गई
दिल्ली के एम्स में इस्तेमाल होने वाला राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र का ई-हॉस्पिटल सर्वर 23 नवंबर को सुबह सात बजे से बंद हो गया था, जिसके चलते ओपीडी और नमूना संग्रह सेवाएं प्रभावित हुई थी। एम्स के अधिकारियों ने कहा था कि ये सभी सेवाएं फिलहाल ‘मैनुअल मोड ’ पर काम कर रही हैं। दिनभर सर्वर डाउन होने पर दिल्ली AIIMS ने अपने बयान में कहा था कि ये रैंसमवेयर अटैक हो सकता है। अभी हाल ही में पिछले हफ्ते ही सीडीएसएल पर मैलवेयर अटैक हुआ था। एम्स की ओर से दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को सर्वर हैक होने का पता लगाने के संबंध में शिकायत दी गई है। नेशनल इनफार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) द्वारा एम्स का सर्वर संचालित होता है। फ़िलहाल सर्वर पर अटैक होना चिंता विषय है।